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दलित हत्याकांड में नया मोड़,एम्बुलेंस से खुद कूदी थी अंजना फॉरेंसिक रिपोर्ट में मर्डर के सबूत नहीं, परिजन बोले-बेटी खुदकुशी क्यों करेगी ?

 

सागर के दलित हत्याकांड में फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने कोर्ट में जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें दावा किया है कि जिस एम्बुलेंस में राजेंद्र अहिरवार की लाश ले जाई जा रही थी, उसमें सवार अंजना अहिरवार को किसी ने धक्का नहीं दिया था। वह खुद एम्बुलेंस से कूद गई थी। हालांकि, अंजना के परिवार को पुलिस की ये थ्योरी गले नहीं उतर रही है।

अंजना की मां का कहना है कि अपने छोटे भाई और चाचा के मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने वाली उनकी बहादुर बेटी आखिर क्यों खुदकुशी करेगी? परिजन का कहना है कि वे अपनी बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।

अंजना के वकील ने भी कहा कि वे मामले की दोबारा जांच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वकील का तर्क है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि उस दिन ऐसा क्या हुआ कि अं

मोबाइल की जांच में कुछ संदेहजनक नहीं मिला

दैनिक भास्कर ने फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने वाले एडिशनल एसपी संजीव उइके से बात की। उइके ने फॉरेंसिक रिपोर्ट को गोपनीय बताते हुए इसे साझा करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में क्या लिखा है।उइके ने बताया, अंजना की मौत के मामले में खुरई थाना में मर्ग कायम किया गया था। जांच थाना प्रभारी ने की थी। उस दौरान अंजना का मोबाइल भी जब्त किया गया था, जिसे एफएसएल जांच के लिए भिजवाया गया था। इस जांच में एफएसएल को कोई संदेहजनक बात नहीं मिली।

अंजना की आखिरी बार किन-किन लोगों से बात हुई थी, ये जानने के लिए उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट भी निकाली गई थी। उन सभी लोगों के बयान लिए गए थे। सारे पहलुओं पर जांच के बाद किसी तरह का कोई अपराध सामने नहीं आया। इससे सिद्ध हो गया कि अंजना खुद ही एम्बुलेंस से कूदी थी।जना एम्बुलेंस से नीचे गिर गई या कूद गई। पढ़िए, आखिर फॉरेंसिक जांच में क्या निकला और क्यों परिजन के गले ये थ्योरी नहीं उतर रही…

पुलिस पर प्रभावशाली लोगों के दबाव में काम करने का आरोप

दैनिक भास्कर ने जब अंजना की मां बड़ी बहू और पिता रघुवीर से बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी बेटी खुदकुशी नहीं कर सकती। मां ने कहा- वो तो अपने भाई और चाचा के मर्डर की सबसे अहम गवाह थी। कोर्ट-कचहरी तो वो ही जाती थी।

अपने भाई और चाचा की हत्या के मामले की वह पूरी लड़ाई लड़ रही थी। वो तो किसी से नहीं डरती थी। फिर वो खुदकुशी क्यों करेगी? राजेंद्र की मौत के बाद भी वो मीडिया से बात कर रही थी कि आरोपी उसे बयान बदलने की धमकी दे रहे थे।अंजना के परिजन ने आरोप दोहराते हुए कहा कि पुलिस प्रभावशाली लोगों के दबाव में काम कर रही है।

पुलिस के दावे को क्यों खारिज कर रहा परिवार?

दरअसल, परिजन का कहना है कि राजेंद्र का शव जिस एम्बुलेंस से लाया जा रहा था, उसमें अंजना के अलावा राजेंद्र के माता-पिता भी मौजूद थे। राजेंद्र की मां भागमती ठीक ढंग से बोल और सुन नहीं पाती। भागमती का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव को एम्बुलेंस में रखने की तैयारी की जा रही थी, उसी वक्त पुलिस ने पानी की बोतल दी थी और पानी पीने के लिए कहा था।

भागमती ने बताया कि मैंने और पति रामसेवक ने पानी पीया था। उसके बाद हम लोग गहरी नींद में सो गए। खुरई तिराहे पर पुलिस ने हमें नींद से जगाया और बोला कि अंजना गाड़ी से गिर गई है। मैंने और पति रामसेवक ने देखा कि अंजना गाड़ी से कुछ दूर पड़ी हुई थी। उसके सिर से खून निकल रहा था।पति रामसेवक राजेंद्र के शव को गांव तक ले गए। मैं अंजना को लेकर दूसरी गाड़ी से सागर अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने अंजना को मृत घोषित कर दिया। अंजना कैसे गिरी, ये हमें नहीं पता।

इसी बात को आधार बनाकर अंजना के माता-पिता कहते हैं कि उनकी बेटी एम्बुलेंस से कूद नहीं सकती। उसकी हत्या की गई है।

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