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कोयले से बनेगा गैस, कोल इंडिया और गेल ने मिलाया हाथ

नई दिल्‍ली। महारत्न कंपनी कोल इंडिया और गेल (इंडिया) लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम समझौता हुआ है। यह समझौता सर्फेस कोल गैसीफिकेशन (एससीजी) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) संयंत्र स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कोल इंडिया के निदेशक (व्यवसाय विकास) देबाशीष नंदा और गेल के निदेशक (व्यवसाय विकास) आर.के. सिंघल ने संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए।

ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के पश्चिम बंगाल के रानीगंज क्षेत्र में बनने वाले इस संयंत्र में प्रति घंटे 80000 एनएम 3 सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) का उत्पादन करने की योजना है। वार्षिक उत्पादन 633.6 मिलियन एनएम 3 प्रति घंटे निर्धारित है, जिसके लिए 1.9 मिलियन टन (एमटी) कोयले की आवश्यकता होगी। कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया द्वारा की जाएगी।

सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) एक ईंधन गैस है, जिसमें मुख्य रूप से मि‍थेन, सीएच4 होता है, जो विभिन्न रसायनों और उर्वरकों के उत्पादन के लिए एक फीडस्टॉक है। आगामी संयंत्र कच्चे माल को प्राप्त करने और प्राकृतिक गैस के आयात पर निर्भरता को कम करने और आत्मनिर्भरता मिशन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एम. नागराजू ने इस अवसर पर कहा कि इस परियोजना के साथ कोल इंडिया और गेल की प्रतिबद्धता एक रोल मॉडल होगी। उन्होंने कहा कि गैसीकरण कोयला मंत्रालय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। भारत को कोयले के विशाल भंडार का लाभ प्राप्त है। इन भंडारों का उपयोग लाभकारी और पर्यावरण अनुकूल तरीके से किया जाना चाहिए।

नागराजू ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए और अधिक कोयला गैसीकरण परियोजनाओं की योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि व्यवहार्य अंतर वित्त पोषण के लिए वित्तीय सहायता सहित सरकार की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध है। कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजना के लिए तीन श्रेणियों के तहत 8500 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र बोलीदाताओं (सार्वजनिक और निजी) को आमंत्रित करने के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) के लिए अनुरोध 15 मई को मंगाए गए हैं, जिसके लिए जमा करने की अंतिम तिथि 11 नवंबर, 2024 है।

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