Sun. Apr 27th, 2025

एमपी हाई कोर्ट से फीस वृद्धि मामले में निजी स्कूलों को अंतरिम राहत

हाई कोर्ट ने जिला कमेटी के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके जरिए निजी स्कूलों को फीस रिफंड करने कहा गया था और समिति द्वारा फीस निर्धारित की गई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने जिला कमेटी के आदेश को निर्धारित नियम का उल्लंघन करार दिया। इसके साथ ही आयुक्त लोक शिक्षण, कलेक्टर जबलपुर व डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।

दरअसल क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, ज्ञानगंगा, स्टेमफील्ड व स्कूलों की ओर से यह अपील दायर की गई थी। अपीलार्थियों की से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जिला कमेटी ने इस आधार पर उक्त आदेश जारी किया था कि स्कूलों ने आनलाइन पार्टल पर फीस वृद्धि की जानकारी अपलोड नहीं की थी।

जिला कमेटी ने बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे
जिला कमेटी ने वर्ष 2017-18 से 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे। इसके अलावा कमेटी ने वर्तमान सत्र की फीस भी निर्धारित की थी। जिला कमेटी ने फीस वृद्धि का गलत आंकलन किया था। मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) के अंतर्गत स्कूल प्रबंधन फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकता है।

स्कूल प्रबंधन ने 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की है
स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस वृद्धि में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी की जाती है, तो इसके लिए जिला कमेटी से अनुमति आवश्यक है। फीस में 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने पर राज्य कमेटी से अनुमति आवश्यक है। स्कूल प्रबंधन के द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की गई है। लिहाजा, जिला कमेटी के अादेश पर रोक अपेक्षित है। हाई कोर्ट ने मांग स्वीकार करते हुए अंतरिम रोक लगा दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *