कभी देखा है आधे घंटे का भैया
ग्वालियर, आधे घंटे का रक्षाबंधन, भागदौड़ भरी जिंदगी में किसीके पास इतना समय नहीं है कि त्यौहारों को पूरा एक दिन दे दिया जाए, इसलिए सरकार ने अपने हिसाब से अपने फायदे के अनुरूप त्यौहार डिजाइन कर लिए हैं हम आपको दिखाने जा रहे हैं एक ऐसा नजारा जो आपकी और मध्य प्रदेश की तमाम सारी बहनों की आंखें खोल देगा जी हाँ ये अनोखा कारनामा हमारे सूबे के मुखिया ने करके दिखाया है मध्य प्रदेश के सीएम बहनों से बहुत प्यार करते हैं शायद यही वजह है उन्होंने दिखावे के लिए मजबूरी में ही सही ग्वालियर की बहनों से राखी तो बंधवा ली लेकिन अपनी बहनों के प्यार को एक घंटा भी संभाल नहीं पाए और उन्होंने अपनी कलाई पर बंधी वह सारी राखियां बहनों का वह सारा प्यार अपने गार्ड को सौंप दिया अब गार्ड इन राखियों का क्या करेगा क्या नहीं यह तो वही जाने,
हाँ एक बात और की एयरपोर्ट से लेकर ग्वालियर के शीतला सहाय सभागार में उन्हें इतना समय जरूर मिला कि उन्होंने सारी राखियां एक-एक करके खोल दीं और उन्हें अपने से अलग कर दिया।
मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री बनाने वाली बहनों का अपमान
हालांकि यह भी सच है कि इन्हीं बहनों के कारण मुख्यमंत्री इस पद पर सत्तारूढ़ हुए थे और इन्हीं बहनों के कारण लोकसभा चुनाव में एमपी में 29 की 29 सीटें हासिल की थीं लेकिन अब उन्हीं बहनों के रक्षासूत्र मुख्यमंत्री को चुभने लगे हैं इसलिए कलाई से उतार दिए, वैसे भी ये बिना रक्षाबंधन के रक्षासूत्र बांधने की परम्परा नेताओं के नाटक नौटंकी के अलावा कुछ नजर नहीं आती लेकिन इससे नेताओं को लाभ की 100 परसेंट गारंटी है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के बहाने प्रधानमंत्री को बताया टीवी की सरकार
नरेंद्र मोदी हो वह मोहन यादव हो ये सब टेलीविजन की सरकार चलाते हैं, सिर्फ इवेंट बनाना था राखी बंधवा ली इवेंट समाप्त हो गया राखी उतार दी, इनको जनसरोकार से कोई मतलब नहीं है, ये बहनों का निरादर है।
आर पी सिंह प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
सीएम ने बहनों का सम्मान में राखी छोड़ी- भाजपा
भाजपा नेत्री शकुंतला परिहार का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई बुद्धिजीवी लोग नहीं हैं क्या, ये इतना भी नहीं समझते कि जब मुख्यमंत्री प्रभात झा जी की श्रद्धांजलि सभा में जा रहे थे तो उन्होंने बहनों का सम्मान रखते हुए राखी को उतार कर बहनों का सम्मान रखा है, कांग्रेस को इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
शकुन्तला सिंह परिहार (वरिष्ठ भाजपा नेत्री)
त्यौहारों को लोगों ने नौटंकी बना दिया है ज्योतिषाचार्य
बहरहाल जो भी लेकिन आज सनातन का हर त्यौहार पर्व और संस्कार नेताओं की कुर्सी और सत्ता की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है, तिथि मुहूर्त दिवस समय का अब कोई महत्व नहीं है हर कोई अपने हिसाब से अपने लाभ के लिए त्यौहारों की आत्मा खत्म करने में लगा है, रक्षाबंधन केवल पूर्णिमा के दिवस ही मनाया जाता है लेकिन लोग अब आधे घंटे का रक्षाबंधन मनाने लगे हैं ये पूरी तरह गलत है अभी राखी बांधी जा रही है और आधे घंटे में खोल देते हैं, आज का समय बड़ा विचित्र आ गया है कि लोग रक्षाबंधन से 15 दिन पहले ही मनमाने तरीके से रक्षाबंधन मना रहे हैं हमारा यही मानना है कि जब सनातन पर चहुँओर प्रहार हो रहे हों उस समय हमें अपने त्यौहारों को नाटक नौटंकी नहीं बनाना चाहिए।