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सीएम यादव के तीखे तेवर, बोले- भारत में रहना है तो राम-कृष्ण की जय कहना होगा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सोमवार को अशोकनगर जिले के चंदेरी पहुंचे। यहां उन्होंने अपने बयान में तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि भारत में रहना होगा तो राम-कृष्ण की जय कहना होगा।

बता दें कि सोमवार को सीएम मोहन यादव अशोकनगर पहुंचे थे। सर्वप्रथम उन्होंने बुनकर पार्क में पहुंचकर बुनकरों से संवाद किया और उनकी बनाई हुई साड़ियों को देखा सिर्फ इतना ही नही बल्कि खुद ने भी साड़ियां बुनीं इसके अतिरिक्त उन्होंने लक्ष्मण मंदिर पहुंचकर दर्शन भी किए और रोड शो भी किया।

उन्होंने कृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर मौजूदा जनसमूह को संबोधित भी किया और कहा कि, जो यहां का खाता है, और कहीं और का बजाता है, यहां नहीं चलेगा। इसके बाहर कुछ नहीं है। हमारे देश के भीतर ही हम सब का सम्मान करना चाहते हैं, किसी का अपमान नहीं करते। हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम का भाव नहीं है। हमारे यहां परमात्मा को सृष्टि को समझने वाले लोग चाहिए। रहीम, रसखान यहां की माटी को जोड़कर चले, इसलिए हम आज भी उन्हें स्मरण करते हैं।

सीएम ने कहा कि आज मैं चंदेरी के हैंडलूम पार्क गया। वहां क्या हिंदू, क्या मुस्लिम,सब खूब मेहनत कर रहे हैं। यही पवित्रता का भाव चाहिए। आपकी पूजा पद्धति कोई भी हो, सबको छूट है, लेकिन सबसे पहले देशभक्ति चाहिए, क्योंकि देश है तो हम सब हैं। हम तो भाग्यशाली हैं कि भगवान राम-कृष्ण की भूमि पर जन्म लिया। हमारे देवी-देवताओं को समझने जाओगे तो पता चलेगा कि, उन्होंने कदम-कदम पर कष्ट उठाए हैं। साथ ही सीएम मोहन यादव ने चंदेरी को पर्यटन तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की भी घोषणा की।

विरोधी रोते रहे लाड़ली बहना चलती रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि सारी बहनों के कष्ट दूर कर उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। विरोधी कहते हैं लाड़ली बहना योजना बंद हो जाएगी वे रोते रहें योजना चलती रहेगी।

कृष्ण-राम को बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे तो किसको पढ़ाएंगे
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने क्या सबक दिया हाथ में बांसुरी जरूर हो, क्योंकि वह हमारी विनम्रता का परिचायक है, लेकिन अन्याय की एक सीमा के बाद जब भी मौका पड़े अपने कर्म से पीछे नहीं हटना है। लोग कहते हैं कि शिक्षा नीति में भगवान राम और कृष्ण के पाठ को क्यों ला रहे हो। अरे हम भगवान कृष्ण और राम को बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे तो किसको पढ़ाएंगे।

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