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ग्वालियर पुलिस ने मानव तस्करी के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया

ग्वालियर. ग्वालियर पुलिस ने मानव तस्करी के जिस अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है, वह बच्चों का सौदा राजस्थान और गुजरात में करने की फिराक में था। पुलिस को पता चला है कि मुख्य आरोपी नीलम जाटव और सत्यनारायण जाटव बच्चों को अगवा करने के बाद राजस्थान के भरतपुर गए थे। इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद में भी उनकी किसी से बात हुई है। अब इस लिंक को जोड़ने के लिए पुलिस ने आरोपियों की पिछले 6 महीने की कॉल डिटेल निकलवाई है। ये भी पता चला है कि दंपती पिछले 15 दिन से बच्चों की रैकी कर रहे थे। फिलहाल, आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं।
दरअसल, 19 अगस्त को सरोज वंशकार के तीन साल के बेटे और 25 दिन की बेटी को जाटव दंपती अगवा कर ले गए थे। पुलिस ने मामला दर्ज करने के 6 दिन बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चों को ढूंढ निकाला। बेटे को यूपी के करहल में एक किन्नर के घर से तो 25 दिन की बेटी को भिंड जिले के मौ से पूजा शर्मा के घर से बरामद किया गया।
भीख मांगकर गुजारा करती है पीड़ित
पीड़ित सरोज वंशकार टीकमगढ़ जिले के जतारा की रहने वाली है। उसने कहा- 2019 में संजू वंशकार से शादी हुई थी। पति गांव में ही रहकर मजदूरी करता है। 2021 में वह करंट से झुलस गया। तब से मैं ग्वालियर में अपनी बहन और जीजा के साथ आकर रहने लगी। भीख मांगकर गुजारा करती हूं। सरोज ने पुलिस को शिकायत में बताया- 18 अगस्त को 7 नंबर चौराहे पर एक महिला से मुलाकात हुई थी। अगले दिन वह मेरे बेटे और बेटी के लिए कपड़े लेकर आई। बोली कि उसका जन्मदिन है। वह जन्मदिन पर गरीब परिवार के बच्चों की मदद करती है। इसके बाद पार्टी देने का कहकर बड़ा गांव हाईवे स्थित एक होटल में ले गई। महिला के साथ एक पुरुष भी था, जिसका परिचय उसने पति के तौर पर कराया था। होटल में हमने शराब पी। यहां से निकलकर तीनों मुरार नदी के पास मछली मंडी पहुंचे। यहां मछली फ्राय करवाकर खाई। इस दौरान दंपती ने खाने में कुछ ऐसा मिलाया कि मैं बेहोश हो गई।
ऑनलाइन भुगतान किया, क्यूआर कोड से मिला सुराग
मुरार थाने की पुलिस सरोज के बयान के आधार पर पहले होटल पहुंची। इसके बाद मछली मार्केट में उस दुकान पर गई, जहां तीनों ने मछली खाई थी। दुकानदार से पूछताछ में पता चला कि महिला ने क्यूआर कोड स्कैन कर बिल का भुगतान किया था। इससे पुलिस ने आरोपी के बैंक अकाउंट और फिर मोबाइल का पता लगाया। दंपती की पहचान नीलम जाटव और सत्यनारायण जाटव के रूप में हुई। जो नदी पार टाल में रहते हैं। पुलिस जब इनके घर पहुंची तो दोनों गायब थे।
पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के आधार पर सर्चिंग की तो पता चला कि दंपती का लोकेशन जयपुर में है। तत्काल ही एक टीम रवाना हुई। जब टीम जयपुर पहुंची तो पता चला कि दोनों भरतपुर जा चुके हैं। पुलिस की टीम ने दोनों का पीछा किया। 24 अगस्त को दोनों भरतपुर से ग्वालियर लौट रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस को दंपती के कॉल डिटेल से पता चला कि उनकी जयपुर के अलावा गुजरात के अहमदाबाद सहित अन्य शहरों में किसी से बात हुई है। इस दंपती का राजस्थान और गुजरात में कई बार आना-जाना होता रहता है। बच्चों के बारे में पूछताछ के दौरान दंपती ने पहले बरगलाने की कोशिश की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो दोनों ने बच्चों के बारे में सच बता दिया।

 

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