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मुख्य सचिव की दौड़ अनुराग जैन की दिल्ली में ज़रूरत, ये अधिकारी बनेंगे MP के CS, सुलेमान की लॉबिंग ही उन्हें ले डूबी!

भोपाल। मध्य प्रदेश में 30 सितंबर 2024 को वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर राज्य प्रशासन में हलचल बढ़ गई है। इस संदर्भ में दो प्रमुख परिदृश्य उभरकर सामने आ रहे हैं… क्या वीरा राणा को छह महीने का एक्सटेंशन मिलेगा या फिर दिल्ली से लौटकर अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाया जाएगा? केंद्रीय भूतल परिवहन सचिव अनुराग जैन जो कि 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उनके नाम की चर्चा मुख्य सचिव पद के लिए पहले भी हो चुकी है। हालांकि, उनकी दिल्ली में पदस्थापना और वहां की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ है। यदि अनुराग जैन मध्य प्रदेश लौटकर मुख्य सचिव बनने के लिए उपलब्ध नहीं होते, तो 1990 बैच के अधिकारियों को इस पद के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उन्हें एक्सटेंशन दिया जाएगा या नहीं। राज्य शासन ने अब तक वीरा राणा के लिए सेवावृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिससे उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

ऐसे में यदि अनुराग जैन की वापसी नहीं होती है, तो 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारियों को नए मुख्य सचिव के पद के लिए विचार में लाया जाएगा।

इस बैच में दो प्रमुख नाम हैं:

एसएन मिश्रा – वर्तमान में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत है। एसएन मिश्रा का प्रशासनिक अनुभव और पदस्थापन उन्हें इस पद के लिए एक प्रमुख दावेदार बनाता है। मिश्रा की लंबी प्रशासनिक पृष्ठभूमि और विभिन्न विभागों में कार्य करने का अनुभव उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाता है।

डॉ. राजेश कुमार राजौरा – एक और वरिष्ठ अधिकारी जिनका प्रशासनिक अनुभव और योग्यताएं उन्हें मुख्य सचिव पद के लिए उपयुक्त बनाती हैं। डॉ. राजौरा ने विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों में कार्य किया है और उनकी दक्षता और कार्यशैली उन्हें इस पद के लिए एक प्रबल दावेदार बनाती है।

मोहम्मद सुलेमान (1989 बैच) – वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त के रूप में कार्यरत, सुलेमान का नाम पहले भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में रहा है। हालांकि, हाल ही में उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से कृषि विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी मुख्य सचिव बनने की संभावनाओं पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उनके द्वारा कई बड़े उद्योगपतियों से मुख्य सचिव बनने के लिए लॉबिंग की गई, जो उनके पक्ष में भारी पड़ रहीं है। इस वजह से उनकी उम्मीदें मुख्य सचिव पद के लिए कमजोर हुई हैं।

मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रही चर्चाओं और असमंजस के बीच अनुराग जैन का नाम एक प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आया है। यदि जैन की वापसी नहीं होती है, तो 1990 बैच के अधिकारियों में से डॉ. राजेश कुमार राजौरा के नाम तय माना जा रहा है और जल्द ही उनके नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है।

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