IPS अजय शर्मा बनेंगे DGP, शिवराज से नज़दीकियाँ बन सकती है रुकावट तो कैलाश मकवाना मारेंगे बाज़ी!
भोपाल। मध्य प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर बदलाव की प्रक्रिया तेज हो गई है, क्योंकि वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना की सेवानिवृत्ति नवंबर 2024 में निर्धारित है। इस संदर्भ में आईपीएस अजय कुमार शर्मा का नाम नए डीजीपी के लिए प्रमुखता से उभरकर सामने आया है, लेकिन उनकी नियुक्ति को लेकर कुछ चर्चाएं और संभावित रुकावटें भी सामने आई हैं।
आईपीएस अजय कुमार शर्मा 1989 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं और वर्तमान में महानिदेशक (आर्थिक अपराध ब्यूरो) के पद पर कार्यरत हैं। भोपाल में जन्मे और मैनिट से बीई की डिग्री प्राप्त करने वाले अजय शर्मा ने विदिशा, मंदसौर और सागर जिलों के पुलिस अधीक्षक के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने एडीजी लोकायुक्त की जिम्मेदारी भी संभाली है। उनकी बैडमिंटन में भी पहचान है और पढ़ाई के प्रति उनकी लगन उन्हें एक समर्पित अधिकारी बनाती है। अजय शर्मा की सेवानिवृत्ति अगस्त 2026 में होगी, जो उन्हें अन्य दावेदारों की तुलना में एक लंबा कार्यकाल प्रदान करती है। उनकी अनुभव और सेवा अवधि उन्हें डीजीपी के पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है।
हालांकि, अजय शर्मा का नाम डीजीपी के पद के लिए प्रमुखता से उभर रहा है, लेकिन उनके शिवराज सिंह चौहान के साथ करीबी संबंध इस पद के लिए उनकी नियुक्ति में संभावित रुकावट पैदा कर सकती हैं। शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान अजय शर्मा ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और इस करीबी संबंध को लेकर कुछ राजनीतिक समीक्षक आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि यह उनकी नियुक्ति में बाधक हो सकता है।
कुछ इस प्रकार है दावेदारों की सूची…..
शैलेष सिंह (1987 बैच) – वर्तमान में स्पेशल डीजी, पुलिस रिफॉर्म पीएचक्यू।
अरविंद कुमार (1988 बैच) – वर्तमान में महानिदेशक, होमगार्ड एवं आपदा प्रबंधन।
सुधीर कुमार शाही (1988 बैच) – वर्तमान में स्पेशल डीजी, जीआरपी।
कैलाश मकवाना (1988 बैच) – वर्तमान में चेयरमैन, मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन।
गोविंद प्रताप सिंह (1989 बैच) – वर्तमान में महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं।
DGP के लिए कैलाश मकवाना की संभावना…..
सीनियर आईपीएस कैलाश मकवाना जो वर्तमान में मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं, उनके नाम पर भी विचार किया जा रहा है। उनके पास डीजीपी पद के लिए उपयुक्त अनुभव और प्रशासनिक क्षमता है और उनकी नियुक्ति की संभावना को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। उनकी स्थिति को लेकर भी यह कहा जा रहा है कि वे डीजीपी के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।