चार हजार करोड़ के निवेश की जानकारी तो पचा गये अधिकारी, मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बताया?
ग्वालियर। ग्वालियर की रीजनल इण्डस्ट्रीज कान्क्लेव में आईआईडीसी व अन्य विभागीय अधिकारियों ने उद्योगों के निवेश की सही जानकारी मुख्यमंत्री व एमएसएमई मंत्री को नहीं दी अन्यथा निवेश के आंकड़े चार गुना होते। आईआईडीसी ने केवल अडाणी व अंबानी सहित एक स्थानीय छोटे उद्योगपति को ही प्रमोट किया। अन्य बड़े उद्योगपतियों व निवेशकों की सही जानकारी ही मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचाई नहीं तो रीजनल कान्क्लेव ऐतिहासिक साबित होती। लगभग एक दर्जन बड़े निवेशक इस कान्क्लेव में करार को तैयार थे।
एक निवेशक को कोलकाता से रेल वैगन कारखाने के लिये आये थे, उन्हें 1700 करोड़ का निवेश करना था। वहीं स्थानीय चार बड़े औद्योगिक घराने की लगभग 1500 से 2000 करोड़ के विस्तारीकरण के करार के लिये तैयार थे। इनके विस्तारीकरण का काम वैसे चल ही रहा है। यदि आईआईडीसी के अधिकारी मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव व एमएसएमई मंत्री चेतन कश्यप की जानकारी में डालते और मंच पर उन्हें बुलाकर मुख्यमंत्री से मिलवाते तो कान्क्लेव की बात ही अलग होती। क्योंकि जो उद्योग पहले से यहां उत्पादन प्रक्रिया में लगे हैं और वह विस्तारीकरण करते तो उसका मैसेज बेहतर जाता। जिससे अन्य उद्योग यहां आने को तैयार रहते बल्कि छोटे छोटे निवेशक भी इन बड़ी औद्योगिक इकाईयों की सहायक इकाईयां स्थापित करने में पहल करते। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि पूरी इण्डस्ट्रीज कान्क्लेव मात्र एक-दो निवेशकों को प्रमोट करने के लिये आईआईडीसी व एमपीडीसी के अधिकारियों ने करा दी। सूत्रों का कहना है कि अन्य बड़े उद्योगों के निवेश की जानकारी संभवतः मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को नहीं दी गई थी।