Fri. Nov 22nd, 2024

अवैध रूप से वसूली 54 करोड फीस लौटाना होगी, निजी स्कूलों पर बहुत सख्त हैं यह कलेक्टर साहब!

जबलपुर मध्य प्रदेश: निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करने वाले जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक बार फिर पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उन्होंने निजी स्कूलों के खिलाफ एक ऐसा आदेश जारी किया है। जो प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण साबित होगा। कलेक्टर दीपक सक्सेना के मार्गदर्शन में गठित जिला समिति ने जबलपुर। में संचालित 8 निजी स्कूलों द्वारा अवैध रूप से वसूली गई फीस। के विरोध में सख्त आदेश जारी किया है। कि इन स्कूलों को अवैध रूप से फीस बढ़ाकर जो रकम वसूली गई है वह वापस करनी पड़ेगी यह रकम लगभग। ₹54 करोड से ऊपर आंकी जा रही है। इस रकम को स्कूलों को सीधे माता। पिता के बैंक खाते में जमा करना होगा। और उसकी जानकारी शिक्षा विभाग को देनी होगी।

जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर गठित जांच कमेटी ने 11 निजी स्कूलों का ऑडिट किया था। जांच में यह बात प्रकाश में आई है कि अधिनियम की धारा 5 2 का पालन नहीं करते हुए इन स्कूलों ने मनमानी तरीके से फीस में वृद्धि की। अधिनियम के प्रावधानों के तहत ऑडिट रिपोर्ट को स्कूल की वेबसाइट में अपलोड नहीं की गई। अधिनियम में प्रावधान है कि पांच प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि की सूचना जिला समिति को देना आवश्यक है। इसके अलावा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि के लिए जिला कलेक्टर तथा 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के लिए राज्य स्तरीय कमेटी से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। इसका पालन इन स्कूल संचालकों द्वारा नहीं किया गया था। जुलाई में भी जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सिन्ह ने मध्य प्रदेश विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 का परिपालन नहीं कर मनमानी फीस वृद्धि करने वाले 11 स्कूलों को 81 करोड़ की राशि छात्रों को लौटाने का आदेश जारी किया था। उस आदेश के ख़िलाफ़ सभी स्कूल प्रबंधन माननीय हाई कोर्ट पहुँच गए थे और वह प्रकरण अभी विचाराधीन है।

उस आदेश के कुछ माह बाद ही एक बार फिर से एक बड़ी कार्रवाई का आदेश जारी करके जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना।ने पूरे प्रदेश में हलचल पैदा कर दी है। यह फीस तो स्कूलों को लौटानी ही होगी और साथ में मध्य प्रदेश विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 का परिपालन का उल्लंघन करने के कारण इन स्कूलों पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जुर्माने की राशि इन स्कूलों को तीस दिन के अंदर जमा करनी होगी। जुर्माने की राशि तो वसूली जाएगी लेकिन ऐसी संभावना है कि पूर्व की तरह ही यह स्कूल संचालक भी 54 करोड की वसूली के विरोध में हाईकोर्ट का रास्ता अपना सकते हैं। माननीय न्यायालय जो भी निर्णय दें लेकिन जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अपनी सख्ती से निजी स्कूल संचालकों के ऊपर नकेल कसने का प्रयास तो किया ही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *