ग्वालियर आगरा-ग्वालियर के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने के लिये एनएचएआई ने 3841 करोड़ रूपये का टेण्डर जारी कर दिया है। इससे आगरा से ग्वालियर के बीच दूरी 150 मिनट से घटकर महज 90 मिनट की रह जायेगी। यह कॉरिडोर बनने से चम्बल और ग्वालियर संभाग में व्यवसायिक व औद्यौगिक गतिविधियां बढ़ जायेगी। इससे 5 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। ऐसा माना जा रहा है। 2025-26 में इस प्रोजेक्टर का काम जमीन पर दिखाई देने लगेगा।
अभी ग्वालियर से आगरा के बीच फोनलेन हाइवे पर पैसेंजर कार यूनिट 60 हजार है। इस वजह से दुर्घटनायें बढ़ी है। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से हैवी ट्रैफिक इस रूट पर डायवट होने से दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। फोरलेन व सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का लोड बटने से वायु व ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आयेगी और स्थानीय लोगोंका आवागमन सुगम हो जायेगा। नये एरिया डवलप होंने से व्यापार बढ़ेगा
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर से आगरा से मुरैना होते हुए ग्वालियर तक एक नया एरिया डवलप होने से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी। ग्वालियर की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आये निवेशकों को एक नया रूट मिलने से उनके पूंजी निवेश की संभावनायें और बढ़ने का अनुमान है। भारी वाहनों के दबाव से राहत मिलेगी
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से आगरा से लेकर सैंया, मनियां, धौलपुर, मुरैना, बानमोर, पुरानी छावनी तक वाहनों का दबाव कम होगा। अभी वाहनों के दबाव के कारण लोग जाम में फंसते हैं।लोडिंग वाहनों को कच्चे माल की सप्लाई के लिए हाइवे खाली मिलेगा जिससे समय पर माल की डिलीवरी हो सकेगी। अभी हैवी ट्रैफिक के कारण माल सप्लाई में देरी होती है। दूरी 32 किमी कम होगी, समय बचेगा
नया सिक्सलेन हाइवे बनने के बाद आगरा से ग्वालियर की दूरी में 32 किमी की कमी आएगी। इससे सफर का समय एक से सवा घंटे कम होगा। अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर यदि किसानों के मकान, नलकूप, टीनशेड, बिजली के पोल या ट्रांसफार्मर लगे हैं तो उनको सर्वे में शामिल किया जाकर संबंधित विभागों से उस प्रॉपर्टी के मूल्य का आंकलन कराकर उसका मुआवजा किसान को दिया जाएगा। किसानों की जमीन से निकलेगा एक्सप्रेस-वे… ग्रीनफील्ड कॉरिडोर जिले की सीमा में अंबाह अनुविभाग के 3 व मुरैना अनुविभाग के 22 गांव कुल 25 गांव के 7357 किसानों की जमीन से निकलेगा। अंबाह में 582 किसानों की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसी प्रकार मुरैना अनुविभाग में 6755 किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।