पटाखों की बिक्री पर पाबंदी से बिफरे भाजपाई
सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका और आम लोगों को इससे होने वाली दिक्कतों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध एक जनवरी, 2025 तक लागू रहेगा। इस दौरान पटाखों की ऑनलाइन बिक्री व डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रतिबंध को कड़ाई से लागू कराने के लिए दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी और राजस्व विभाग के साथ मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाई जाएगी। सरकार ने पिछले साल भी सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था।
गोपाल राय ने कहा, सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ने का खतरा रहता है। इस मौसम में पटाखों को जलाने से भी प्रदूषण बढ़ता है। इससे लोगों को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार नहीं चाहती कि व्यापारियों और डीलरों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान हो। इसलिए समय रहते हर प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।दिल्ली में पिछले वर्ष दिवाली पर वायु गुणवत्ता आठ साल में सबसे बेहतर दर्ज की गई थी। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि पटाखों व आतिशबाजी पर रोक के बावजूद राजधानी में शाम होते-होते आतिशबाजी शुरू हो गई। इससे कई इलाकों में एक्यूआई 300 के आसपास पहुंच गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312 था। 2016 में यह 431 दर्ज किया गया था।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पिछले साल का अनुभव बताता है कि दिल्ली वालों को यह स्वीकार्य नहीं है। बड़े पैमाने पर पटाखे जलाए जाते हैं, इसलिए सरकार को पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय ग्रीन पटाखों के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।