रात 01 बजे तक सक्रिय रहेंगे पुलिस कप्तान, डीजीपी ने सुनाया फरमान
आदर्श पुलिसिंग की बात की जाए तो अपराधियों के लिए पुलिस सबसे बड़ा गुंडा होनी चाहिए और जनता के लिए सबसे बड़ा मित्र। तभी नागरिकों के मध्य सुरक्षा का माहौल पैदा किया जा सकता है। बीते कुछ समय में खासकर रात के समय ऐसी तमाम घटनाएं राजधानी देहरादून से लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रकाश में आई हैं, जिनसे नागरिक सुरक्षा को लेकर चुनौती खड़ी हुई है। लिहाजा, पुलिसिंग को और बेहतर बनाने के लिए डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा है कि जिले के प्रभारी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक) रात 01 बजे तक भ्रमणशील रहेंगे। इसके अलावा उन्होंने रात्रि गश्त को लेकर कई अन्य कड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने पुलिस कप्तानों (जिला प्रभारी) को आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रात्रि गश्त की दिशा में प्रभावी कदम बढ़ने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में थानावार आपराधिक घटनाओं के हाटस्पाट चिह्नित कर इनकी मैपिंग करते हुए गश्त, पैट्रोलिंग व चेकिंग सुनिश्चित की जाए। थाना क्षेत्र के संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करते हुए गश्त की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही कहा कि सभी थाना व चौकी क्षेत्र के प्रमुख चौराहों, बाजार, शॉपिंग मॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पार्क के आसपास प्रत्येक दिन पैदल गश्त अनिवार्य रूप से की जाए।
रोस्टरवार प्रत्येक दिन 01 सीओ करेंगे रात को चेकिंग
डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि शहर और गांव के क्षेत्रों में गश्त/चेकिंग के लिए रोस्टरवार प्रत्येक दिन 01 सीओ की ड्यूटी लगाई जाए। अपर पुलिस अधीक्षक इस गश्त की निगरानी करेंगे। साथ ही पुलिस कप्तान भी रैंडम आधार पर चेकिंग की व्यवस्था का परीक्षण करेंगे। रात्रि गश्त में अनुपस्थित या लापरवाही बरतने वाले पुलिस कार्मिकों को सचेत किया जाए। दूसरी बार लापरवाही पाए जाने पर सख्त एक्शन लिया जाए। इस तरह की सक्रियता से रात के समय लूट, डकैती, चोरी और महिलाओं से अभद्रता आदि की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।
डीजीपी ने यह भी दिए दिशा-निर्देश
– संवेदनशील मार्गों पर गश्त के लिए पर्याप्त संख्या में पैट्रोलिंग वाहन लगाए जाएं। इसके अलावा अन्य संवदेनशील स्थानों पर पुलिस पिकेट लगाई जाए और महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों का व्यवस्थापन भी कराया जाए।
– राजपत्रित पुलिस अधिकारी व थानाध्यक्षों की ओर से अपने-अपने क्षेत्र में प्रतिदिन शाम के समय भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों व कस्बों में कम से कम एक-एक घंटा फुट पैट्रोलिंग की जाए।
– फुट पैट्रोलिंग व गश्त चैकिंग के दौरान उस क्षेत्र के सक्रिय अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर व अन्य कुख्यात अपराधियों की भी आकस्मिक व अधिक से अधिक पुलिस बल के साथ चेकिंग की जाए।
– स्कूल एवं कालेज, विभिन्न अन्य शिक्षण संस्थानों एवं औद्योगिक क्षेत्र के आसपास उनके खुलने व बंद होने के समय पैदल गश्त करते हुए पान की दुकानों के पास खड़े संदिग्ध व्यक्तियों व संदिग्ध वाहनों में बैठे व्यक्तियों की अवश्य चेकिंग की जाए।