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पोर्ट ब्लेयर का नाम अब ‘श्री विजयपुरम’, केंद्र सरकार ने लिया फैसला

गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है। यह कदम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास को सम्मान देने और देश के सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के उद्देश्य से उठाया गया है। पोर्ट ब्लेयर, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा है।

पोर्ट ब्लेयर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व काफी महत्वपूर्ण है, खासकर सेल्युलर जेल (काला पानी) की वजह से, जहां स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों द्वारा कैद रखा गया था। नाम परिवर्तन का यह कदम उनके बलिदान और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक मजबूती से दर्शाता है।

इस निर्णय को लेकर सरकार का मानना है कि ‘श्री विजयपुरम’ नाम उस ऐतिहासिक विजय का प्रतीक बनेगा, जिसे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए हासिल किया।

खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात की जानकारी दी है, उनका कहना है कि हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम करने का निर्णेय लिया है।

सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि देश को गुलामी के हर प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के लिए पीएम मोदी के इस संकल्प से प्रेरणा लेकर, आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजयपुरम रखा है। चलिए आपको आगे इस जगह की थोड़ी जानकारी देते हैं।

अंडमान की खूबसूरत जगहों में से एक, चिड़िया टापू, पोर्ट ब्लेयर से करीबन 25 किलोमीटर दूर स्थित है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह जगह पक्षियों का स्वर्ग है। लेकिन, यहां केवल पक्षियों को देखने के अलावा स्नॉर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग, डीप-सी वॉकिंग, पर्ल हंटिंग और बोटिंग जैसी वॉटर एक्टिविटीज कर सकते हैं। और अगर आप सूर्यास्त देखना चाहते हैं, तो इस टापू का सनसेट पॉइंट अंडमान में सबसे अच्छे पॉइंट में से एक है।

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