Mon. Nov 25th, 2024

जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों का डेरा रात 12 बजे के के बाद पुलिस ने पकड़े बदमाश, महिलाओं के साथ करते छेड़खानी

मुरैना जिला अस्पताल में असामाजिक तत्वों का डेरा बन गया है। यह लोग रात में जिला अस्पताल में मरीज के अटेंडर के पास जाकर सो जाते हैं और उसके बाद महिला मरीजों के साथ छेड़खानी करते हैं तथा उनका सामान व रुपए चुरा लेते हैं।

दैनिक भास्कर ने इस मामले की पड़ताल की तो सारा मामला सामने आ गया। रात के 12:00 के बाद अस्पताल के चारों तरफ अंधेरा छा जाता है। यही स्थिति अस्पताल के अंदर वार्डों में देखने को मिली है। खासकर मेडिकल वार्ड, महिला वार्ड तथा गैलरी में जहां महिलाएं एवं पुरुष मरीज रात में सो रहे होते हैं, उसी समय यह असामाजिक तत्व रात में चुपके से आते हैं और महिला मरीजों के साथ छेड़खानी करते हैं तथा उनका रुपया पैसा व सामान चुरा ले जाते हैं।

रात के समय असामाजिक तत्व मरीज के अटेंडर के साथ सो जाते हैं। आधी रात के बाद यह सक्रिय हो जाते हैं तथा वार्डों में घूमते हैं। वार्डों में घूमने के दौरान यह महिला मरीजों के साथ छेड़खानी करते हैं तथा चोरी करते हैं।

रात के 12:00 बजे के बाद जिला अस्पताल की पुलिस चौकी के प्रभारी ASI सुनील शर्मा दैनिक भास्कर की टीम के साथ जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में पहुंचे। वहां पर एक युवक तेजी से चल रहा था तथा उसके पीछे लोग चल रहे थे। ASI सुनील शर्मा ने उस युवक को पकड़ लिया। पकड़ने के बाद पता लगा कि वह महिलाओं के साथ छेड़खानी कर रहा था। इस पर उन्होंने उसको पकड़ा और वहां से मारपीट कर भगा दिया।

ASI सुनील शर्मा उसके बाद उस जगह पर पहुंचे जहां पर अटेंडर लेटे हुए थे। उनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे। उन्हीं के बीच एक युवक लेटा हुआ था। जब ASI सुनील शर्मा ने उसे उठाकर उससे पूछा कि तुम कौन और कहां से आए हो तो उसने बताया कि उसकी पत्नी बीमार है तथा भर्ती है। उन्होंने पूछा कि कहां भर्ती है तो वह ठीक से बता नहीं पाया। ASI सुनील शर्मा ने जब उससे कड़ाई से पूछा तो उसने बताया कि उसकी पत्नी मेडिकल वार्ड में भर्ती है। उसे लेकर वह उसके बताएं मेडिकल वार्ड में पहुंचे तो पता लगा कि वह झूठ बोल रहा है। इसके बाद ASI सुनील शर्मा उसको लेकर पुलिस चौकी पहुंचे और वहां से उसे कोतवाली थाने में भेजकर बंद कर दिया।

रात के 12:00 के बाद जिला अस्पताल की नई एवं पुरानी दोनों इमारतों में अंधेरा छा जाता है। वहां की लाइट बंद कर दी जाती हैं। मरीज अपने वार्डों में बिना बिजली के अंधेरे में तथा बिना हवा के रहने को मजबूर है, वहीं दूसरी तरफ उनके अटेंडर भी रात के समय अंधेरे में सो कर अपना समय गुजारने को मजबूर है। गर्मी और उमस के कारण मरीज और उनके अटेंडर दोनों का बुरा हाल है।

रात 12:00 के बाद जिला अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ अपने-अपने कमरों में सोने चला जाता है। मरीज रात में दर्द से कराहते रहते हैं, उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि रात के समय जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर भी नाइट ड्यूटी पर नहीं रहता है। अगर कोई मैरिज क्रिटिकल स्थिति में आ जाए या फिर बड़ा हादसा हो जाए तो उसको संभालना मुश्किल होता है तथा कुल मिलाकर कहा जाए तो रात के समय जिला अस्पताल के मरीज भगवान भरोसे हो जाते हैं।

रात में जिला अस्पताल में अगर कोई असामाजिक तत्व आता है तो उसके लिए पुलिस चौकी बनी हुई है। जहां तक बिजली की व्यवस्था है उसको भी मजबूत किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *