Fri. Nov 1st, 2024

मोदी सरकार में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को संसद में मिली ये जिम्मेदारी

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को शिक्षा संबंधी स्थायी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति के साथ, यह समिति अब शिक्षा, युवा मामलों और खेल से जुड़े अहम मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। यह समिति भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार, नई शिक्षा नीतियों के कार्यान्वयन, और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें करेगी। दिग्विजय सिंह का संसदीय अनुभव और प्रशासनिक समझ समिति को नई दिशा देने में सहायक हो सकते हैं।

कांग्रेस को मिली लोकसभा और राज्यसभा की प्रमुख स्थायी समितियों की अध्यक्षता

नई लोकसभा के गठन के बाद सरकार और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच हुई लंबी बातचीत के बाद कांग्रेस को लोकसभा की तीन प्रमुख स्थायी समितियों की अध्यक्षता सौंपी गई है। ये समितियां विदेश मामलोंकृषि, और ग्रामीण विकास से संबंधित हैं। इसके अलावा, कांग्रेस को राज्यसभा की शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्षता का जिम्मा भी सौंपा गया है, जिसका नेतृत्व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह करेंगे।

संसद की स्थायी समितियों का ढांचा

भारतीय संसद में कुल 24 स्थायी समितियां होती हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के कार्यों की समीक्षा करना और सरकार को आवश्यक सुझाव देना है। इनमें से 16 स्थायी समितियां लोकसभा के अंतर्गत आती हैं, जबकि 8 समितियां राज्यसभा के अंतर्गत कार्य करती हैं।

प्रत्येक स्थायी समिति में 31 सदस्य होते हैं, जिनमें से 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सदस्य राज्यसभा से होते हैं। इन सदस्यों का नामांकन संबंधित दलों की अनुशंसा पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति द्वारा किया जाता है। स्थायी समितियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है, और हर वर्ष सितंबर महीने के अंत तक इनका पुनर्गठन किया जाता है।

स्थायी समितियों का कार्य

इन स्थायी समितियों का प्रमुख कार्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कामकाज की समीक्षा करना, बजट पर चर्चा करना, और सुधारों के लिए सिफारिशें देना होता है। यह समितियां सरकार को नीतिगत दिशा-निर्देश और सुझाव देकर शासन में सुधार लाने का प्रयास करती हैं। समितियों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद होते हैं, जिससे महत्वपूर्ण मामलों पर बहस और चर्चा का अवसर मिलता है और व्यापक दृष्टिकोण से निर्णय लिए जाते हैं।

कांग्रेस को इन समितियों की अध्यक्षता मिलने से यह उम्मीद की जा रही है कि पार्टी के नेता विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श करेंगे और देश के विकास के लिए ठोस सुझाव देंगे। विशेषकर शिक्षा, कृषि, ग्रामीण विकास और विदेश मामलों में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने में ये समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

f

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *