जलभराव से निपटने दिए उर्जामंत्री के सख्त निर्देशों को क्या प्रशासन गंभीरता से लेगा?
ग्वालियर, मध्य प्रदेश: उपनगर ग्वालियर की निचली बस्तियों में फिर से जल भराव की स्थिति न बने, इसके लिए सभी आवश्यक कार्य कराएँ। साथ ही रूफ वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिये स्थानीय निवासियों को प्रोत्साहित करें। न्यू कॉलोनी नं.-3 के पार्क में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाए। इस आशय के निर्देश ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दिए। श्री तोमर वार्ड-16 के अंतर्गत न्यू कॉलोनी नं.-3 में अतिवर्षा व जल भराव के बाद किए गए सुधार कार्यों का जायजा लेने पहुँचे थे।
मंत्री जी ने रविवार को न्यू कॉलोनी नं.-3 के भ्रमण के दौरान सड़क, सीवर, पानी तथा बिजली से सम्बन्धित समस्याओं को तत्परता से निराकृत करने के निर्देश मौके पर मौजूद नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि सीवर की सफाई विशेष प्राथमिकता के आधार पर कराई जाए। साथ ही कहा कि बार-बार जलभराव की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएँ।
स्थानीय रहवासियों द्वारा यहाँ के पार्क में असमाजिक तत्वों के जमा होने की शिकायत की जाने पर मंत्री श्री तोमर ने मौके पर मौजूद नगर पुलिस अधीक्षक श्री नागेन्द्र सिंह सिकरवार को इस क्षेत्र में लगातार पुलिस गश्त कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस क्षेत्र में जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त नवीन स्ट्रीट लाइटें लगाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जो स्ट्रीट लाइटें बंद हैं उन्हें दुरूस्त कराएँ।
इस अवसर पर पार्षद श्री महेन्द्र आर्य, अनुविभागीय दंडाधिकारी श्री नरेन्द्र बाबू यादव, अपर आयुक्त नगर निगम श्री मुनीष सिंह सिकरवार, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अधीक्षण यंत्री श्री नितिन मांगलिक, कार्यपालन यंत्री श्री श्रीनिवास यादव, नगर निगम के कार्यपालन यंत्री श्री सुशील कटारे तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
अब सवाल यह उठता है नगर निगम और प्रशासन इस बार ऊर्जा मंत्री के निर्देशों को गंभीरता से लेता है या उसी तरह से लापरवाही करता है जो पहले भी हो चुकी है। आपको बता दें कि पिछले दो बार शहर में हुई वर्षा। के कारण कई कॉलोनी में जो जल भरा हुआ था वह प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि जिम्मेदारों की लापरवाही से बनी आपदा थी। पूरे शहर में बारिश के पानी के निकासी का एकमात्र रास्ता स्वर्णरेखा है और स्वर्णरेखा की सफाई एलिवेटेड रोड। के निर्माण के चलते की ही नहीं गयी। इस के अलावा शहर के अन्य छोटे बड़े नाले भी मानसून से पहले साफ नहीं किए गए। अभी कुछ दिनों में एक बार फिर से। तेज बारिश का पूर्व अनुमान मौसम विभाग ने दिया है। और ऊर्जा मंत्री ने शायद इसी को देखते हुए जिम्मेदारों को जलभराव से निपटने के लिए निर्देशित किया है। अब देखना होगा की जिम्मेदार मंत्री जी। के निर्देशों को कितनी गंभीरता से लेते हैं!