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डमरू की माला, नाक में नथनी…मस्तक पर बिंदिया; नवरात्रि पर आज कुछ ऐसा हुआ बाबा महाकाल का श्रृंगार

अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि गुरुवार पर आज श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का कुछ निराले स्वरूप में श्रृंगार हुआ। इस दौरान बाबा महाकाल के मस्तक पर बिंदिया, नाक में नथनी के साथ डमरू व फूलों की माला से माता स्वरूप में श्रृंगार किया गया। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखते ही रह गया। आज भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई।विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी की नवरात्रि की शुरुआत पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का माता स्वरूप में भव्य श्रृंगार किया गया। आज के इस अलौकिक श्रृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया।आज डमरू की माला, नाक में नथनी, मस्तक पर बिंदिया से उनका श्रृंगार किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

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