मैहर मंदिर का रहस्यमयी गुफा, यहां 50 साल से जल रही अखंड ज्योत, जानें क्या है मान्यता
मां शारदा मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था देखने को मिल रही है। इस मंदिर के पीछे गुफा में 50 वर्षों से लगातार अखंड ज्योत जल रही है। लेकिन अखंड ज्योति के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। हिंदू धर्म में मैहर गुफा का विशेष महत्व है। अखंड ज्योति के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के सभी पाप धुल जाते हैं।बता दें कि यह एक ऐसा दिव्य स्थान है। जहां मैहर मां शारदा के प्रधान पुजारी देवी प्रसाद मां शारदा की तपस्या की थी। वहीं, इस पवित्र जगह से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिनकी जानकारी आज तक किसी को नहीं हुई है।
खासकर नवरात्र के दिनों में लोग अखंड ज्योत का दर्शन कर अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं। मान्यता है कि मैहर मां शारदा से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा। मां सबकी मनोकामना पूर्ण करती है। इसे देखने के लिए विंध्य क्षेत्र ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शक्ति मंदिर पहुंचते हैं। नवरात्र में अखंड ज्योत का दर्शन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।
मैहर मां शारदा शक्तिपीठ के पुजारी पंडित पवन महाराज ने बताया कि पूर्व प्रधान पुजारी स्वर्गीय देवी प्रसाद मां शारदा की साधना करने के लिए मंदिर प्रांगण में एक स्थान ढूंढ रहे थे। तभी मां शारदा के द्वारा महाराज जी को स्मरण हुआ कि मैहर प्रांगण में छोटी सी गुफा है। जहां बैठकर साधना कर सकते हैं। साधना के दौरान मां के द्वारा स्मरण हुआ कि एक अखंड ज्योति प्रज्वलित करें, प्रधान पुजारी जी ने 50 वर्ष पूर्व मां शारदा के नाम से एक अखंड ज्योति प्रज्वलित की थी, जो आज भी जलती आ रही है। पवन महाराज के मुताबिक, जब कोई भी ज्योति काफी वर्षों तक जलती है तो उसमें एक दैविक शक्ति आ जाती है। इसीलिए नहीं पूछती, मां शारदा के नाम से निरंतर ज्योति जलती आ रही है, जिसके देखरेख के लिए सेवादार रहते हैं।
यहां हर नवरात्रि में नौ दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। पूरे देश के कोने कोने से प्रतिदिन कई लाखों की तादाद श्रद्धालु यहां माता के करने अपनी-अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। मां शारदा देवी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। यहां पर श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार से परेशानी न हो उसके लिए प्रशासन पूरी तरीके से नौ दिनों तक चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के साथ मुस्तैद रहेगा।
लाखों श्रद्धालुओं के आगमन से पहले प्रशासन हुआ मुस्तैद
नवरात्र को लेकर मैहर मां शारदा मंदिर में तैयारी पूरी हो गई है। लाखों दर्शनार्थियों के आवागमन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। चप्पे-चप्पे पुलिस की नजर रहेगी। सैकड़ों कैमरे से मंदिर परिसर की निगरानी होगी। पुजारी ने बताया, नौ दिनों तक आराधना होगी। अपनी मनोकामना को लेकर नवरात्रि में लाखों भक्तों का आगमन होगा।
मैहर का मतलब है मां का हार। मैहर जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर त्रिकूट पर्वत पर माता शारदा देवी का वास है। मां शारदा देवी का मंदिर पर्वत की चोटी के मध्य में। देश भर में माता शारदा का अकेला मंदिर मैहर में ही है। इसी पर्वत की चोटी पर माता के साथ ही श्री काल भैरवी, भगवान, हनुमान जी, देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, फूलमती माता, ब्रह्म देव और जलापा देवी की भी पूजा की जाती है।
मैहर में मां शारदा के मंदिर में देश के कोने-कोने से प्रति दिन हजारों की संख्या में श्रध्दालु मां शारदा के दर्शन के लिये मैहर आते हैं। पहाड़ी पर 600 मीटर की उंचाई में मां शारदा का भव्य मंदिर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिये 1080 सीढ़ियां बनी हुई है। साथ में रोपवे से 170 रुपये का टिकट लेकर आने जाने की सुविधा उपलब्ध है।
इस मंदिर का अस्तित्व 6वीं शताब्दी से इतिहास में मिलता है। साल 1918 में यह मंदिर छोटा सा था। मंदिर में आने-जाने के लिये पहाड़ी में दुर्गम रास्ते से आते जाते थे। 1951 में इस मंदिर में सीढ़ियों का निर्माण हुआ और श्रद्धालु भक्त मां के मंदिर में सीढ़ियों से आने जाने लगे और भीड़ बढ़ने लगी। धीरे-धीरे चैत्र कंवर नवरात्रि मेला लगने लगा। प्रति वर्ष चैत्र कंवर नवरात्रि मेले में लाखों श्रध्दालु भक्त मां शारदा के दर्शन के लिए आने लगे।