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गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पारित भारतीय न्याय संहिता 2023 के फायदे तो हैं लेकिन पुलिस बल में विस्तार की जरूरत: हरिनारायणचारी मिश्रा, त्वरित न्याय के लिए बेहतर: अमित सिंह

मध्यप्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण को लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नरी तथा इंदौर पुलिस कमिश्नरी में बेहद उत्साह का वातावरण है। भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा का कहना है कि, धाराएं तो उतनी ही हैं लेकिन उसकी संख्या में बदलाव होने की वजह से उसे ठीक से पढ़कर लागू करने की जरूरत है और यह काम भोपाल में प्रारंभ कर दिया गया है। हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि, पुलिस का ध्यान कई बार ऐसे विषयों में भटक जाता है जहां पुलिस की कोई भूमिका नहीं होती और इसीलिए संसद में पारित नए आपराधिक कानून अर्थात भारतीय न्याय संहिता को को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है जिस पर भोपाल पुलिस की कमिश्नरी ने सबसे पहले काम शुरू किया है और नए कानून के लागू होते ही पहले ही दिन भोपाल में 17 एफआईआर दर्ज किये गये थे। राष्ट्रीय हिन्दी मेल को एक संक्षिप्त मुलाकात का भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि, संसद में पारित उपरोक्त कानून से उच्च अधिकारियों की संख्या बढ़ गई है लेकिन नीचे के मैदानी स्तर में पुलिस बल की कमी को भी यदि समय पर दूर कर लिया गया तो, इससे बेहतर और कोई कानून नहीं होगा। उन्होंने यह दावे के साथ कहा पुलिस का काम प्रापर्टी मेटर में, प्रापर्टी ब्रोकर और क्रेता-विक्रेता के बीच में विवाद सुलझाने का बिल्कुल नहीं है। हरिनारायणचारी मिश्रा ने स्वयं बताया है कि, नए कानून में तो सिविल मेटर्स में पुलिस को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, जबकि यह कानून भारतीय दण्ड संहिता की जगह लेकर बहुत सारी धाराओं के साथ शक्तिशाली है। उधर इंदौर के अपर पुलिस आयुक्त युवा आईपीएस अधिकारी अमित सिंह ने कहा कि, संसद में पारित नए अपराधिक कानून से बेहतर त्वरित न्याय के लिए कुछ और नहीं हो सकता। अमित सिंह ने बताया कि, नए कानून में राजद्रोह शब्द को बदलकर देशद्रोह कर दिया गया है, नया कानून पहली बार आतंकवाद शब्द को भी परिभाषित करता है। उन्होंने कहा कि, नए कानून के तहत मजिस्ट्रेट की जुर्माना लगाने की शक्ति बढ़ी है और 83 अपराधों में जुर्माना भी बढ़ाया गया है जबकि, 23 अपराधों में न्यूनतम सजा का प्रावधान है। नए कानून में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं जबकि, 358 धाराएं हैं जबकि आईपीसी में ये 511 धाराएं थी। अमित ङ्क्षसह के अनुसार पुलिस स्वतंत्र रूप से फरियादियों को समय पर न्याय दिलाने में त्वरित कार्यवाही कर रहा है। अमित सिंह के अनुसार यदि फरियादी ने किसी भी व्यक्ति की शिकायत झूठी की होगी तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि, इंदौर का पुलिस आयुक्त प्रणाली नए कानून को लेकर समयबद्ध कार्यवाही के लिए अग्रसर है और इसके बेहतर परिणाम भी निकल रहे हैं।

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