देहरादून दक्षिण पश्चिम मानसून वापसी के बाद इन जनपदों में बरसात. देखें पूरे देश के मौसम का हाल ।।
उत्तराखंड में मानसून वापसी के बाद उच्च हिमालय क्षेत्र में अभी भी छिटपुट क्षेत्र में बरसात अभी भी हो रही है
मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने मौसम पूर्वानुमान में शनिवार को प्रदेश में आंशिक तौर पर बादल छाए रहने के साथ देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत नैनीताल, टिहरी, बागेश्वर, हरिद्वार, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में गर्जन वाले बादल विकसित होने और कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है। तथा राज्य के शेर जनपदों में मौसम शुष्क रहने की भी संभावना व्यक्त की है।
इन क्षेत्रों से हो रही है मानसून की वापसी
दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी धीरे-धीरे अब कम होती जा रही है रेखा अक्षांश 30.8 उत्तर, देशांतर 81.2 डिग्री पूर्व, लखीमपुर खीरी, शिवपुरी, कोटा, उदयपुर, दीसा, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, अक्षांश 21 डिग्री उत्तर और अक्षांश 70 डिग्री पूर्व से होकर गुजर रही है।
उत्तराखंड में मानसून वापसी के बाद उच्च हिमालय क्षेत्र में अभी भी छिटपुट क्षेत्र में बरसात अभी भी हो रही है
मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने मौसम पूर्वानुमान में शनिवार को प्रदेश में आंशिक तौर पर बादल छाए रहने के साथ देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत नैनीताल, टिहरी, बागेश्वर, हरिद्वार, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में गर्जन वाले बादल विकसित होने और कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है। तथा राज्य के शेर जनपदों में मौसम शुष्क रहने की भी संभावना व्यक्त की है।
इन क्षेत्रों से हो रही है मानसून की वापसी
दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी धीरे-धीरे अब कम होती जा रही है रेखा अक्षांश 30.8 उत्तर, देशांतर 81.2 डिग्री पूर्व, लखीमपुर खीरी, शिवपुरी, कोटा, उदयपुर, दीसा, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, अक्षांश 21 डिग्री उत्तर और अक्षांश 70 डिग्री पूर्व से होकर गुजर रही
अभी-अभी बाइक सवार खाई में गिरा,एक को किया गया रेस्क्यू,भेजा अस्पताल, एसडीआरएफ दूसरे को ढूंढ खोज में जुटी।।
अगले 2 से 3 दिनों के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के बचे हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, पूर्वी राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश पर है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। चक्रवाती परिसंचरण से ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर बिहार से ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के पार उत्तरी अंडमान सागर तक फैली हुई है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में उत्तरी बंगाल की खाड़ी और आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है