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Navratri पर इस मंदिर में लोगों को आती है देवियां! मनो चिकित्सक ने उठाए सवाल

ग्वालियर: शहर के कई मंदिरों में नवरात्रि के समय लोगों की आस्था देखने को मिलती है. कई लोग दावा करते हैं कि उन्हें देवियों की उपस्थिति का अनुभव होता है और अचानक से अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं. इस तरह की घटनाओं के दौरान भीड़ जमा हो जाती है और लोग उन्हें पूजने लगते हैं. आस्था का यह पहलू काफी पुराना है. हमने मनोचिकित्सक से जानने की कोशिश की कि विज्ञान इस घटना को किस नजरिए से देखता है.

मनोचिकित्सक का सवाल
लोकल 18 से बातचीत में डॉक्टर कमलेश उदेनीया ने बताया, “किसी व्यक्ति को जंगल में बैठे हुए देवी-देवता क्यों नहीं आते? क्या आपने कभी सुना है कि कोई व्यक्ति जंगल में अकेला बैठा हो और उसे देवी-देवता आ रहे हों? ऐसा सुनने में नहीं आता. दरअसल, इसके पीछे गहन मनोविज्ञान काम करता है. जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो उसका अवचेतन मस्तिष्क प्रभावित होता है. इस तनाव के कारण व्यक्ति ‘डिसएसोसिएटिव बिहेवियर’ का शिकार हो जाता है. उसकी दबी हुई भावनाएं शारीरिक हरकतों के रूप में प्रकट होती हैं और वह अजीबोगरीब हरकतें करने लगता है. नवरात्रि के धार्मिक वातावरण में यह स्थिति धार्मिक विश्वासों से जुड़ जाती है, जिससे ऐसा लगता है जैसे व्यक्ति को देवी-देवता आ रहे हों. लेकिन असल में यह मानसिक रोग है और इसका इलाज होना चाहिए.”

सेकेंडरी गेन का महत्व
डॉ. कमलेश ने बताया, “जब किसी व्यक्ति को देवी-देवता आने लगते हैं और आप उसे तवज्जो देते हैं, तो उसे यह घटना और तेजी से होने लगती है. लेकिन अगर आप उसे तवज्जो न दें और अकेला छोड़ दें, तो वह शांत हो जाता है. जितना ज्यादा आप ध्यान देंगे, वह उतना ही ज्यादा प्रतिक्रिया करेगा. हालांकि, इसके पीछे मानसिक बीमारी ही प्रमुख कारण है.”

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