गरबा में युवक ने युवती को गोद में उठाया, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध
उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में गरबा आयोजन के दौरान अश्लीलता का एक मामला सामने आया है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। वायरल हुए एक वीडियो में एक युवक को एक युवती को गोद में उठाकर आपत्तिजनक हरकत करते देखा जा सकता है। यह वीडियो इंदौर रोड स्थित एक चर्चित होटल में आयोजित गरबा का बताया जा रहा है। इस घटना पर हिंदू जागरण मंच ने कड़ा ऐतराज जताते हुए होटल में हो रहे गरबा कार्यक्रम के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे बंद करने की मांग की।
हिंदू संगठनों का विरोध और हंगामा
रविवार को गरबा आयोजन के दौरान अश्लीलता की शिकायत मिलते ही हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में किसी की पहचान की जांच नहीं की जा रही है, बल्कि पैसे लेकर एंट्री दी जा रही है। पास की फीस 399 रुपए तय की गई थी, जिसे लेकर संगठनों ने आयोजकों पर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे आयोजन उज्जैन की धार्मिक छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि होटल की अनुमति को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और गरबा आयोजनों पर कड़ी नजर रखी जाए। संगठन के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन भदौरिया ने लोगों से अपील की है कि वे होटल में हो रहे ऐसे आयोजनों का बहिष्कार करें।
पिछली घटनाओं से जुड़ा विवाद
यह पहली बार नहीं है कि उज्जैन में गरबा आयोजन को लेकर विवाद हुआ है। इससे पहले भी एक क्लब में गरबा के दौरान ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’ गाने पर एक महिला के डांस का वीडियो सामने आया था, जिसे हिंदू संगठनों ने अश्लील और फूहड़ करार दिया था। उस घटना के बाद क्लब के आयोजक ने माफी मांगी थी।
प्रशासन पर निगरानी की मांग
हिंदू संगठनों का कहना है कि गरबा एक धार्मिक आयोजन है, और इसमें इस तरह की हरकतें आस्था के खिलाफ हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि ऐसे आयोजनों पर सख्त निगरानी रखी जाए और जिन आयोजकों द्वारा अश्लीलता फैलाई जा रही है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
उज्जैन की धार्मिक गरिमा पर सवाल
उज्जैन, जो महाकालेश्वर मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, ऐसे मामलों से सुर्खियों में आ रहा है। गरबा, जो नवरात्रि के दौरान शक्ति की आराधना के रूप में मनाया जाता है, उस पर इस तरह के आरोप लगने से धार्मिक संगठनों की भावनाएं आहत हो रही हैं। अब प्रशासन पर दबाव है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।