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एमपी की मोहन सरकार और शराब माफिया के बीच गठजोड़! सरकार के अपने ही विधायकों ने खोली पोल

भोपाल मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश में माफिया राज किस तरह हावी है इसकी बानगी हमें उस समय देखने को मिली जब भाजपा सरकार के अपने ही विधायकों ने अपनी ही सरकार को आईना दिखा दिया। पहला मामला रीवा से है जहां से उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी आते हैं। वहाँ मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल रीवा आईजी र्यालय और मुगंज एसपी कार्यालय में एएसपी के सामने दंडवत होते हुए दिखाई दिए थे जिसकी फोटो खूब वायरल हुई। उनका साफ आरोप था की पुलिस शराब। माफिया को संरक्षण दे रही है और उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यह विरोध उन्होंने यह सब जानते हुए किया कि मध्यप्रदेश भाजपा की ही सरकार है और भाजपा की ही पुलिस है। उनको पुलिस अधिकारी से यह तक कहना पड़ा कि आप मेरा गुंडों से मर्डर करवा दो। और उनका यह बयान एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। की क्या शराब? माफिया का विरोध करने वालों का मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार मर्डर करवा देती है?

मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के समर्थन में पाटन से भाजपा विधायक अजय विश्नोई भी अपनी ही सरकार के मैदान में उतर आए। उन्होंने विधायक प्रदीप पटेल की बात का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदीप जी, आपने सही मुद्दा उठाया है पर क्या करें पूरी सरकार शराब ठेकेदारों के आगे दंडवत है। अजय विश्नोई जो खुद भाजपा विधायक हैं और वह खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी खुद की भाजपा सरकार शराब ठेकेदारों के आगे दंडवत है। और उनके इस बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरीके से मध्यप्रदेश में जंगलराज कायम है और मोहन सरकार शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के अपने ही भाजपा विधायकों द्वारा इस तरह खुले आम सरकार और शराब माफिया के गठबंधन को उजागर करना साहब बताता है की मध्य प्रदेश में सुशासन नहीं शराब माफिया शासन हावी है और इसी कदर हावी है। किसी छोटे मोटे शिकायतकर्ता को तो छोड़िए बड़े बड़े विधायक और भाजपा के विधायकों की भी कोई सुनवाई नहीं है।

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