अमित शाह को इस राज्य का क्यों पर्यवेक्षक नियुक्त किया : भाजपा में बढ़ी गुटबाजी
हरियाणा में 16 अक्तूबर को भाजपा के विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए भाजपा के संसदीय बोर्ड ने पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी है। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पर्यवेक्षक होंगे।सूत्रों का दावा है कि विधायक दल का नेता चुनने के समय अनिल विज सीएम पद को लेकर अपना दावा ठोक सकते हैं। इसके अलावा, बाहर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री पद को लेकर दावा जताते रहे हैं। पार्टी हाईकमान ने इन दोनों के तेवरों को देखते ही अमित शाह को यह जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि पार्टी में कोई गुटबाजी न दिखे और सारी प्रक्रिया आराम से पूरी हो सके।
मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद 12 मार्च को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई थी। बैठक में भाजपा हाईकमान की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पार्टी के महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाया गया था। हरियाणा निवास में हुई बैठक में हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब भी मौजूद थे। जब विधायक दल के नेता के रूप में नायब सैनी का नाम सामने आया तो पूर्व मंत्री अनिल विज नाराज हो गए थे। नाराजगी भी इतनी बढ़ गई थी कि वह पर्यवेक्षकों के सामने ही बैठक छोड़कर बाहर आ गए थे।
इस बार उसी तरह की स्थिति न बने, इसलिए हाईकमान ने पहले ही मजबूत तैयारी की है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि जब बैठक में अमित शाह होंगे, तो कोई विवाद पैदा नहीं होगा और आसानी से नायब सैनी के नाम पर मुहर लग जाएगी। क्योंकि खुद अमित शाह ने पंचकूला में सैनी को अगला मुख्यमंत्री बनाने का एलान किया था।