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डॉ. भीमराव आंबडेकर विश्वविद्यालय का 90 वां दीक्षांत समारोह 22 अक्टूबर 2024 को जानिए कुल पदकों की संख्या और किसको मिलेंगे कितने पदक

आगरा।  डॉ. भीमराव आंबडेकर विश्वविद्यालय का 90वां दीक्षांत समारोह 22 अक्टूबर 2024 को स्वामी विवेकानंद परिसर (खंदारी परिसर) स्थित शिवाजी मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष, एआइसीटीई चेयरमैन और एनसीईआरटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे होंगे। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी उ.प्र. योगेंद्र उपाध्याय व माननीय उच्च शिक्षा राज्यमंत्री उप्र.रजनी तिवारी होंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश की माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी।

विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रो. आशुरानी ने बताया कि विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों में इस वर्ष भी बालिकाएं ही आगे रही हैं। दीक्षांत समारोंह में कुल 117 पदक प्रदान किए जाएंगे, जिनमें 99 (84.6 प्रतिशत) पदक सिर्फ छात्राओं ने ही प्राप्त किए हैं। जबकि 18 (15.4 प्रतिशत) पदक छात्रों ने प्राप्त किए हैं। इस वर्ष छात्राओं ने छात्रों की तुलना में पांच गुना अधिक पदक प्राप्त कर विश्वविद्यालय के नाम और बालिका शिक्षा के ध्येय को ऊंचाइयां प्रदान की हैं।

इस वर्ष सर्वाधिक आठ पदक एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा डॉ. अर्पिता चौरसिया को दिए जाएंगे। इतना ही नहीं चिकित्सा विद्यार्थियों को मिलने वाले 15 पदकों पर सिर्फ बेटियों ने ही कब्जा जमाया है। विश्वविद्यालय ने इस वर्ष एक जैसे सर्वाधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी निराश नहीं किया है। विश्वविद्यालय ने 100 में 99 अंक लाने वाले छह विद्यार्थियों को दिया जाएगा। साथ ही सभी ट्राफियों पर भी सिर्फ बेटियों ने ही कब्जा किया है।

युवोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं में चल वैजयंती भी छात्राओं ने जीती है। समारोह में 60212 विद्यार्थियों को विभिन्न उपाधियां भी प्रदान की जाएंगी, जिनमें 50 पीएच.डी., 46538 स्नातक और 2755 परास्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की हैं। वहीं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के 9993 विद्यार्थियों को भी उपाधियां प्रदान की जाएंगी। आवासीय संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों में 876 विद्यार्थियों को विभिन्न उपाधियां दी जाएंगी।

मुख्य अतिथि  के रूप में समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे एक वरिष्ठ शिक्षाविद् हैं। कई पेशेवर संस्थाओं से जुड़े होने के साथ ISTE, IE, IET, और INAE के फेलो हैं। उन्हें प्राज इंट्राप्रेन्योर अवार्ड (2011), एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे द्वारा जीवन गौरव पुरस्कार (2019), महात्मा गांधी लीडरशिप अवार्ड (CSR टाइम्स 2019), और जॉन माथाई नेशनल फेलो अवार्ड (2021) सहित कई पुरस्कार मिले हैं।

उन्होंने एक एआई-आधारित अनुवाद उपकरण के विकास का समर्थन किया, जो अंग्रेजी सामग्री को 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करता है, जिससे उच्च तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा में समर्थन मिलता है। उन्होंने अपनी शिक्षण यात्रा उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, इटानगर, अरुणाचल प्रदेश और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी में संस्थानों की स्थापना से शुरू की। IIT गुवाहाटी में विभागाध्यक्ष, पुस्तकालय समिति अध्यक्ष, जेईई के अध्यक्ष, डीन अकादमिक मामलों और उप निदेशक के रूप में जिम्मेदारियाँ संभालीं। बाद में पुणे के इंजीनियरिंग कॉलेज में निदेशक के रूप में कार्य किया और इसे भारत के शीर्ष 15-20 संस्थानों में लाने में सफलता पाई।

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