जन कल्याण और कानून व्यवस्था की स्थिति आदर्श रहे, कलेक्टर, एसपी होंगे जिम्मेदार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में चाहे विकास का प्रश्न हो, शासन की प्राथमिकताओं के अनुसार कार्यों का क्रियान्वयन या कानून-व्यवस्था की बात हो, आदर्श स्थिति बनाए रखने का दायित्व कलेक्टर-एसपी का है। अपने जिले में सभी व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर्स और एसपी जिम्मेदार होंगे। जिन जिलों से अनियमितताओं की शिकायतें आएंगी, वहां बड़े अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 22 हजार थानों की सीमाओं में आवश्यक परिवर्तन हुए हैं। जन-कल्याण की दृष्टि से जिलों के पुनर्गठन के लिए राज्य शासन ने आयोग गठित किया है। इसमें कलेक्टर और जन-प्रतिनिधि भी जरूरी सुझाव देकर सहयोग करें। आने वाले समय में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण, आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने जैसे निर्णय क्रियान्वित होंगे। इस दृष्टि से अनेक प्रशासनिक कार्यों का सह संबंध रहेगा। जिला स्तर पर भी जन-कल्याण के साथ प्रशासनिक सुधार प्राथमिक कार्य है। परीक्षाओं को देखते हुए निर्धारित ध्वनि से अधिक कोलाहल यंत्रों पर नियंत्रण, नशे का व्यापार करने वालों पर अंकुश, पराली जलाने पर रोक, किसानों के लिए खाद और उर्वरक के व्यवस्थित वितरण, राजस्व कार्यों के त्वरित निराकरण को मुस्तैदी से किया जाए। खाद की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कलेक्टर, कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर्स ने जिलों में बेस्ट प्रैक्टिसेस की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रदेश में 11 दिसम्बर को गीता जयंती पर अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं, जिनका व्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित किया जाए। उज्जैन एवं भोपाल में गीता भवन के भूमि पूजन के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की परम्परा से संबंधित विविध आयोजन सम्पन्न होंगे। इसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें गीता संवाद, गीता के सस्वर पाठ की वर्ल्ड रिकार्ड प्रस्तुति के प्रयास भी किए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारी की गई है। इस्कॉन संस्था द्वारा बच्चों के लिए गीता के श्लोकों की प्रतियोगिता और अन्य कार्यक्रमों में समन्वय करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को विभिन्न गतिविधियां आयोजित करनी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में जिलों में ऐसे भवनों का अभाव है, जहां शास्त्रीय और बौद्धिक आयोजन भी होते हों। इन भवनों को सिर्फ मांगलिक भवन बनाने के स्थान पर वैचारिक विमर्श का केंद्र भी बनाया जाए और युवाओं के लिए आवश्यक साहित्य भी उपलब्ध करवाया जाए। श्रीमद्भगवद गीता के कर्म आधारित जन कल्याणकारी उद्देश्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए संस्कृति, नगरीय विकास और अन्य विभाग भी सहयोग करें।