केसी गुप्ता राजभवन भेजे गये, सड़क-बिजली के मामले में नीरज मंडलोई पर सरकार ने दूसरी बार जताया भरोसा, 15 मिनट में मुख्यमंत्री ने बदल दिये 15 आईएएस
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र एवं झारखंड विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारक की भूमिका में 3 मुद्दों पर गंभीरता से चिंतन किया है और यह सुनिश्चित कर लिया है कि राज्य सरकार को अपनी अच्छी छवि निर्मित करने के लिए राज्य में सड़क-बिजली-पानी की व्यवस्था 100 प्रतिशत टनाटन होनी चाहिए। वरना सरकार आती तो देरी से है, लेकिन जाने में समय नहीं लगता। इसलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ अपनी बेहतर केमेस्ट्री का संकेत देते हुए 15 मिनट के अंदर 15 आईएएस अधिकारियों के तबादलें कर दिये, लेकिन इन तबादलों में महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सड़क-बिजली के मामलों में किसी भी प्रकार का कोई रिस्क नहीं उठाने के लिए तुरंत फैसला ले लिया। हालांकि अतिरिक्त मुख्य सचिव केसी गुप्ता और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के आपसी संबंधों को लेकर कभी कोई विवाद सामने नहीं आया, परन्तु राजभवन में वे अपनी पसंद से गये हैं या उन्हें भेजा गया है, यह एक किवदंती जैसी कहानी है और सच यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केवल उज्जैन के ही मुख्यमंत्री होने के बनते हुए परसेप्शन को तत्काल प्रभाव से ठीक करने के लिए उन्होंने दूसरी बार अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई पर भरोसा जताया है। यूं कहा जाये कि डॉ. मोहन यादव रविवार को 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले के बाद यह स्पष्ट कर दिया है कि वे पूरे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है, केवल उज्जैन के नहीं है। बता दें कि मध्यप्रदेश में 15 आईएएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। जारी आदेश के अनुसार 8 दिसंबर सामान्य प्रशासन विभाग ने दो अतिरिक्त मुख्य सचिवों के अलावा कई विभागों के सचिव, उपसचिव और आयुक्त बदल दिये हैं। कई अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त भी कर दिया गया है। आईएएस अफसर मुकेश चंद्र गुप्ता, राज्यपाल के प्रमुख सचिव, राज भवन, भोपाल को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सचिव पद पर तैनात किया गया है। आईएएस अफसर छोटे सिंह अपर आयुक्त (राजस्व) ग्वालियर संभाग को पंचायत राज संचालक के पद पर नियुक्त किया गया है। अरुण कुमार परमार को मुख्यमंत्री के उप सचिव के पद पर वापसी की गई है। इससे पहले वह अपर आयुक्त (राजस्व) रीवा संभाग के पद पर तैनात थे। आशीष तिवारी को मुख्य सचिव कार्यालय के उप सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। पहले वह उप सचिव, जल संसाधन विभाग के पद पर कार्यरत थे। संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के उप सचिव पद पर जगदीश कुमार गोमे को नियुक्त किया गया है। जनजातीय प्रकोष्ठ राजभवन के सचिव पद पर जमुना भिड़े को नियुक्त किया गया है। जिला पंचायत भिंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर सुनील दुबे को नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह उप सचिव, संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के पद पर कार्यरत थे। साथ ही निवेश संवर्धन और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के संचालक पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे। स्वास्थ्य सेवाएं, अपर संचालक के पद पर मनोज कुमार सरियाम को नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह अपर आयुक्त-सह-पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्य प्रदेश के पद पर कार्यरत थे। अपर आयुक्त राजस्व रीवा संभाग के पद पर नीतू माथुर को नियुक्त किया गया है। वह मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्मार्ट सिटी ग्वालियर के पद पर कार्यरत थी। मयंक अग्रवाल को प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के पद पर नियुक्त किया गया है। पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रही तन्वी हुड्डा को अपर आयुक्त, वाणिज्यिक कर इंदौर के पद पर पदस्थ किया गया है। रजनी सिंह को वि.अ.क-सह-श्रम, एमपी इंदौर और प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के पद पर नियुक्त किया गया है। दिनेश कुमार मौर्य, उपसचिव, मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग को वि.क.अ-सह-नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पद पर नियुक्त किया गया है। अमित तोमर, अपर सचिव कार्मिक, सामान्य प्रशासन विभाग को पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक, भोपाल पद पर नियुक्त किया गया है। अपर सचिव कार्मिक, सामान्य प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मप्र में 2018 बैंच के युवा आईएएस अधिकारी से लेकर 1993 बैंच के शिखर के नौकरशाहें तक की मॉनिटरिंग स्वयं कर रहे हैं और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिवालय से अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा तथा सचिव भरत यादव से स्पष्ट कह दिया है कि मध्यप्रदेश के लोक सेवक केवल इतना ध्यान रखें कि सरकार के फैसलों का असर जनता में सकारात्मक होना चाहिए और कल 15 मिनट में 15 आईएएस अधिकारियों के तबादलों का असर ठीक वैसा ही होगा, जैसा मुख्यमंत्री ने सोचा है, ऐसा मान लिया जाये, तो चौंकिएगा मत और चौंकिएगा तब जब 1 लाख करोड़ के बजट के प्रावधान के बावजूद मध्यप्रदेश में जल मिशन का कूरूप दृश्य बदलने के लिए डॉ. मोहन यादव दूसरी बार 5 मिनट के अंदर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए यह स्थापित कर दें कि उनकी प्राथमिकता बिजली-सड़क के बाद पानी भी है, जिससे चुनाव जीता और हारा जाता है…