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भोपाल को मिली 758 करोड़ की सौगात, विकास और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण आवश्यक : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनकल्याण पर्व के तहत भोपाल संभाग को 758.92 करोड़ के 70 विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनकल्याण पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें विकास कार्यों के साथ पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भोपाल को प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए राजा भोज और सम्राट विक्रमादित्य के योगदान को स्मरण किया। उन्होंने घोषणा की कि भोपाल के सभी प्रवेश मार्गों पर राजा भोज और विक्रमादित्य के नाम पर प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। उन्होंने भोपाल के तालाबों और वास्तुकला को जल संरक्षण और स्थापत्य कला के लिए मिसाल बताया। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भोजपुर मंदिर, जहां दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है, की संस्कृति को देश और दुनिया में प्रस्तुत करने के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि मप्र विकास और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने भोपाल की बाघों के अनोखे वास स्थल के रूप में सराहना की और इसे राज्य की जैवविविधता का प्रतीक बताया।

प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलेंगी नदी जोड़ परियोजनाए
मध्यप्रदेश के विकास को नई दिशा देने वाली केन- बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 और 25 दिसंबर को करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन्हें प्रदेश की जल प्रबंधन और सिंचाई क्षमता में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाली परियोजनाएं बताते हुए कहा कि ये न केवल बुंदेलखंड और मालवा क्षेत्र की तस्वीर बदलेंगी, बल्कि लाखों किसानों और नागरिकों के जीवन में स्थायी सुधार लाएंगी। डॉ. यादव ने समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि देश में सबसे ज्यादा नदियां मध्यप्रदेश में हैं, और यहां के जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।

विरासत के साथ विकास में विश्वास
डॉ. यादव ने कलाओं की विविधता का उत्सव- विरासत कार्यक्रम में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार विरासत के साथ विकास में विश्वास रखते हुए नागरिकों का जीवन समृद्ध बनाने के लिए सक्रियता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर विरासत कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आए कलाकारों को सम्मानित किया और संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। अभिनेता रणदीप हुड्डा ने राज्य में प्रकृति, संस्कृति और विकास के सामंजस्य की सराहना की, जबकि गायिका सुश्री स्वस्ति मेहुल ने भगवान श्रीराम और कृष्ण-सुदामा के भजनों की प्रस्तुतियाँ दीं। मध्यप्रदेश स्वर की समता नृत्य-नाटिका का भी मंचन हुआ, जिसमें राज्य के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आधारित नृत्य-गीत प्रस्तुत किए गए।

डॉ. वाकणकर के नाम पर होगा रातापानी टाइगर रिजर्व
मुख्यमंत्री ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण करते हुए इसे विश्व प्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम पर नामित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रातापानी में स्थित भीमबेटका गुफाओं को डॉ. वाकणकर के प्रयासों से पहचान मिली। मुख्यमंत्री ने ‘विरासत से विकास’ जागरूकता बाइक रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें वे स्वयं भी शामिल हुए। रैली का उद्देश्य टाइगर रिजर्व और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस अवसर पर अभिनेता रणदीप हुड्डा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने भोपाल को देश की एकमात्र राजधानी बताया, जिसके आंगन में टाइगर रिजर्व है।

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