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जय विलास महल में महामहिम उपराष्ट्रपति का दौरा, CM और सिंधिया भी रहे साथ; विजिटर बुक में लिखा यह संदेश

ग्वालियर के ऐतिहासिक जय विलास महल में रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी धर्मपत्नी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ दौरा किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने महल के इतिहास, कला और सांस्कृतिक धरोहर को गहराई से समझा। दौरे के बाद, उन्होंने महल की विजिटर बुक में भारतीय सभ्यता की समृद्धि को लेकर एक संदेश लिखा।महल दौरे से पहले उपराष्ट्रपति और उनकी धर्मपत्नी ने सिंधिया परिवार के साथ दोपहर का भोजन किया। इस सादगीपूर्ण भोज में नेपाली और मराठी व्यंजनों का विशेष स्वाद परोसा गया। व्यंजनों में नेपाली आलू, बड़ौदा पुलाव, सोल कड़ी, कुरकुरी भिंडी, लौकी कोफ्ता कड़ी और श्रीखंड शामिल थे। भोजन के दौरान गर्मजोशी से स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने महल के इतिहास और संस्कृति पर चर्चा की।भोजन के बाद अतिथियों ने दरबार हॉल और महल के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। सिंधिया परिवार द्वारा 1874 में निर्मित यह महल भारतीय और यूरोपीय वास्तुकला का अद्भुत संगम है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने महल के निर्माण, ऐतिहासिक महत्व और कला संग्रह के बारे में उपराष्ट्रपति को विस्तार से बताया।महल की सांस्कृतिक धरोहर से प्रभावित होकर उपराष्ट्रपति ने विजिटर बुक में अंग्रेजी में एक भावपूर्ण संदेश लिखा। उन्होंने लिखा कि हमारी सभ्यता के खजाने का प्रबुद्ध प्रदर्शन देखा। प्रत्येक कलाकृति हमारी संस्कृति के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह विरासत सोने की खान है, जो ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को प्रेरित करती है और दिशात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका हम अनुकरण करने की उम्मीद करते हैं। मैं महल से अधिक जानकारी के साथ जा रहा हूं और जानकारी प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे। सभी ने उपराष्ट्रपति और उनकी धर्मपत्नी का स्वागत किया और जय विलास महल की सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा की।

जय विलास महल का यह दौरा भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराई को जानने और समझने का अवसर साबित हुआ। उपराष्ट्रपति ने महल की भव्यता और इसमें सहेजे गए सांस्कृतिक खजाने की सराहना की, साथ ही भारत की समृद्ध सभ्यता को संरक्षित रखने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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