तानसेन से जुडे हर पहलू पर शोध कर लिपिबद्ध करेगा संस्कृति विभाग
ग्वालियर। विश्व प्रसिद्ध संगीत सम्राट तानसेन की जन्म स्थली से लेकर उनसे जुडे संगीत के हर पहलू के संदर्भ में जल्द ही शोध कर उसे लिपिबद्ध किया जायेगा। इतना ही नहीं संगीत सम्राट तानसेन की जीवनी को शिक्षा नीति के बाद भी पाठयक्रम में शामिल कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्हांेने कहा कि संगीत सम्राट तानसेन हमारे देश की ऐसी संगीत धरोहर है जिसका विश्व में कोई सानी नहीं है।
उक्त जानकारी आज पत्रकारों संवाद के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे प्रश्न और संगीत सम्राट तानसेन समारोह के एक सौ वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उत्तर देते हुये उप संचालक संस्कृति विभाग एवं उस्ताद अलाउददीन खां संगीत एवं कला अकादमी निदेशक डा धर्मेन्द्र पारे सहायक संचालक संस्कृति अमित यादव ने कही। उन्होंने बताया कि संगीत सम्राट तानसेन समारोह का शताब्दी वर्ष धूमधाम से मनाया जा रहा है। हां इसके कुछ कमियां अवश्य रही है ,उसे आगामी आयोजनों में ठीक करने का प्रयास किया जाएगा। डा पारे ने कहा कि संगीत सम्राट तानसेन के विषय में प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी हो इसके लिए उनसे जुडे पहलुओं को सामने लाने के प्रयास किये जायेंगे। साथ ही तानसेन के संदर्भ में वर्ष भर विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।
उप संचालक डा पारे ने बताया कि उन्हें अभी हाल ही में उस्ताद अलाउददीन खां संगीत एवं कला अकादमी का निदेशक बनाया गया है। उससे पहले ही तानसेन समारोह को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका था। उन्होंने बताया कि पत्रकारों द्वारा उन्हें दिए गए सुझावों पर वह विचार कर आगे सफल आयोजन करने का प्रयास करेंगे। उप संचालक एवं सहायक संचालक ने तानसेन समारोह को और भव्य रूप से मनाने के पूरे प्रयास करेंगे। उन्हांेने बताया कि तानसेन समारोह में कई नामचीन शास्त्रीय संगीत के कलाकार भाग ले रहे हैं वहीं कई विदेशी कलाकार भी इस समारोह में शिरकत कर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। उन्होने बताया कि तानसेन समारोह से पूर्व 536 कला साधकों ने नौ दुर्लभ वाद्य यंत्रों का समवेत वादन कर एक विश्व रिकार्ड बनाया जिसे गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इन नौ वाद्य यंत्रों पर राग मल्हार, मियां की तोडा एवं दरबारी कान्हडा का समवेत वादन किया गया। नौ वाद्यों में गायन , तबला, बांसुरी, वायलिन, वोकल, संतूर, सरोद, सारंगी, सितार , सितार बेंजो, हारमोनियम शामिल था।पत्रकार वार्ता में धु्रपद गुरू अभिजीत सुखदाने भी मौजूद थे।