आरिफ कहते रहे- आग बुझ गई, हमारी दुकान बच गई है, रात में मत आना; नहीं माना परिवार…मौत
नया बाजार में लगी आग की सूचना पर यहां पहुंचने की जल्दबाजी ने मां-बेटे की जान ले ली। मुरादाबाद गया परिवार घटना की जानकारी मिलने पर हल्द्वानी के लिए रात में दौड़ा तो आरिफ ने उन्हें काफी रोका। पत्नी और बड़े बेटे लवी ने बात नहीं मानी। रात में ही घबराई हुई हालत में सफर करना भारी पड़ गया।
नया बाजार में जिस जगह आग लगी, वहां पास में ही आजादनगर निवासी मोहम्मद आरिफ सैफी की सिलाई मशीन की दुकान है। रविवार को उनकी पत्नी शबाना परवीन, दो बेटे अब्दुल रहमान उर्फ लवी और यजान सैफी मुरादाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां शादी कार्यक्रम में गए हुए थे। आग लगने के दौरान लवी को उसके दोस्त ने फोन करके बताया कि उसकी दुकान में आग लग गई है। दोस्त ने उससे जल्दी आने को कहा। यह बात सुनकर परिवार के सदस्य अपनी कार से मुरादाबाद से चल दिए।
परिवार के वहां से रवाना होने की बात पता चलने पर आरिफ ने बेटे से बार-बार कहा कि आग बुझ गई है और उनकी दुकान बच गई है। वह सुबह ही मुरादाबाद से आएं। लेकिन लवी नहीं माना। वह रात को ही वहां से चल दिया। बेलबाबा मंदिर के पास कार पेड़ से टकरा गई। चर्चा है कि सड़क पर आई बिल्ली को बचाने की कोशिश में कार अनियंत्रित हो गई थी। हादसे में शबाना और यजान की मौत हो गई। जबकि लवी के एक पैर की हड्डी टूट गई। आरिफ ने बताया कि बेटा यजान नैनीताल रोड स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ता था। सोमवार को उसका पेपर था। आरिफ भी बोले, लवी उनकी बात मान लेता तो यह हादसा नहीं होता।