Sat. Dec 21st, 2024

लिफाफों के नीचे दब गई अवैध कालोनियों की फाइल! मुख्यमंत्री के निर्देश को ठेंगा!

ग्वालियर मध्य प्रदेश  भू माफियाओं को सिरे से नापसंद करने वाले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रदेश में माफिया पनपने नहीं दिया जाये, सरकारी भूमि, चरनोई भूमि को माफिया के कब्जे से बचाया जाये और यदि कहीं कोई अवैध कब्ज़ा किये हुए है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। और उनके इस निर्देश को महीनों हो गए। निर्देश को कागजों पर अमल में भी लाया गया अवैध कॉलोनियों की सूची भी बनाई गई। मुख्यमंत्री के निर्देशन के बाद कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों से अवैध कॉलोनियों की सूची मांगी थी। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि उनके क्षेत्र में वर्तमान में भूमि व भवन का विक्रय कर कोई नई अवैध कॉलोनी स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं तो उसकी जाँच कराएँ और पूर्व में चिन्हित अवैध कॉलोनियों सहित सभी अवैध कॉलोनियों की सूची कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध कराएँ। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यह भी निर्देश दिए हैं कि संबंधित राजस्व निरीक्षण से इस आशय का प्रमाणीकरण भी लिया जाए कि उनके क्षेत्र में अन्य कोई अवैध कॉलोनी का निर्माण कार्य संचालित नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर युद्धस्तर पर सर्वे का काम हुआ।अनुविभागीय अधिकारियों ने अवैध कॉलोनी की सूची बनाई और अवैध कालोनी सेल जिला दंडाधिकारी कार्यालय में भेजी भी गई। लेकिन उसके बाद कार्रवाई किस तरह हुई, वह आज शहर में चारों तरफ कहीं भी निकल जाइए अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियां, इसकी हकीकत बनाने के लिए काफी हैं।

प्रशासन द्वारा बनाई गई सूची के अनुसार वर्तमान में शहरी क्षेत्र में ही इनकी संख्या 1200 के ऊपर पहुंच गई है। सर्वाधिक 609 अवैध कॉलोनी ग्वालियर सिटी अनुभाग में, 400 मुरार, 142 लश्कर व 63 अवैध कॉलोनियां झांसी रोड क्षेत्र में चिंह्नित हो चुकी हैं। इसके अलावा घाटीगाव, डबरा, भितरवार में भी सर्वे हुआ है पर यहां संख्या कम है। मुरार ग्रामीण के एसडीएम ने अपने क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां न होने की पुष्टि की है। अवैध कॉलोनियों की बड़ी संख्या ग्राम केदारपुर, चिरवाई, कोटा, गोसपुरा, बड़ा गांव, भाटखेड़ी, खुरैरी, खेरिया मोदी, ग्राम मुरार, सिरोल, बेंहटा, सेंथरी, शहनपुर, विक्रमपुर, मालनपुर, अकबरपुर, मऊ, जमाहर, रायरू फार्म, गंगापुर, पुरानी छावनी, टेहलरी आदि में है।

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सरकारी अमला खासकर राजस्व व नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही से अवैध कॉलोनियों की संख्या में 3 साल में तेजी से वृद्धि हुई है। भू-माफिया से इनसे साठगांठ कर धडल्ले से खेती की जमीनों पर कॉलोनी काट रहे हैं। तमाम ऐसी अवैध कालोनियाँ हैं जो सरकारी और गउचर भूमि पर कब्जा करके बनायीं गई है और इनकी शिकायत लंबे समय से प्रशासनिक अधिकारियों से। की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे कॉलोनाइजर माफियाओं पर कोई कार्रवाई न होना इस साठगाँठ की और इशारा करता है।

अब सवाल यह उठता है कि जब अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार कर ली गई है। तो उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही। यहाँ सांठगांठ का आलम यह है कि अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वाले भू। माफियाओं के रसूख के चलते अवैद। कॉलोनियों। के सूची की फाइल फुटबॉल बन चुकी है और इस फाइल को प्रशासन की तरफ से नगर निगम आयुक्त को भेज दिया गया और नगर निगम आयुक्त ने क्षेत्र अधिकारियों को उनके शीर्ष की संबंधित सूची मुहैया करा दी अब क्षेत्र अधिकारी फिर से संबंधित कॉलोनी के तमाम दस्तावेजों की जाँच की बात कर रहे हैं। यही वास्तव में प्रशासन की इच्छा शक्ति माफियाओं पर कार्रवाई करने की होती तो राजस्व अधिकारी स्वयं सूची को अपने पास रख स्वयं कार्रवाई की रूपरेखा बना नगर निगम की मदद लेकर कार्रवाई कर सकते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *