ग्वालियर में हार्ट पेशेंट पर सितम ढा रही सर्दी, तीन दिन में 100 लोगों को आया हार्ट अटैक, ऐसे बरतें सावधानी
ग्वालियर दिसम्बर के आखिरी सप्ताह से ही अंचल में सर्दी ने सितम बहाना शुरू किया था जो अब और भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। वैसे तो सर्दी सभी को बेहाल कर रही है, लेकिन लेकिन यह खून जमाने वाली यह सर्दी हार्ट के मरीजों की खास मुश्किलें बढ़ा रही है। इससे हार्ट के मरीजों की संख्या (Heart patients in Gwalior) में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। केवल बीते तीन दिन में तेज सर्दी के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में भी हार्ट के मरीजों की संख्या 100 तक पहुंच गई है।
सर्दी ने बढ़ा दिया हार्ट अटैक का खतरा
अस्पतालों में ओपीडी के साथ भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा जेएएच के कार्डियोलॉजी में मरीज बढ़े हैं। यहां हालात यह है कि बेड फुल होने से मरीजों को इलाज के लिए जमीन पर इलाज कराना पड़ रहा है। तीन दिन में ही कार्डियोलॉजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 100 के पार हो गई है। यहां तीन दिन में कार्डियक अरेस्ट के 50 मरीज पहुंचे हैं।
निजी अस्पतालों में भी बढ़ रहे कार्डियक अरेस्ट के मरीज
वहीं, निजी अस्पतालों में अब सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसके साथ ही लगभग हर दिन 2 से 3 मरीज हार्ट अटैक (heart attack Symptoms) आने के बाद अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। निजी अस्पतालों में अपोलो हॉस्पिटल में तीन दिन में 15 और कल्याण हार्ट स्पेशलिटी में 30 मरीजों के साथ अन्य अस्पतालों में भी मरीज सामने आए हैं।
सही समय पर सही उपचार बहुत जरूरी
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शर्मा (Cardiologist in Gwalior) का कहना है कि इन दिनों ओपीडी के साथ जी से बढ़ी है, जिसमें तीन चार दिनों में सर्दी बढ़ते ही ब्लॉकेज वाले मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी बढ़ गई है। तीन दिन में लगभग 15 मरीज ऐसे आ चुके हैं। वहीं, जेएएच के सहायक अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र वर्मा का कहना है कि ऐसे मौसम में सभी को सर्दी से बचाव करना चाहिए। साथ ही अगर जरा सी भी दिक्कत महसूस हो तो पेशेंट को लेकर तत्काल अस्पताल पहुंचकर हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए, क्योंकि समय पर उपचार शुरू होने पर पेशेंट की जान बच जाती है।
सर्दी ऐसी की तीनों नलियां ब्लॉकेज
डॉक्टरों का कहना है कि इस सर्दी में नई बात सामने आ रही है। इस मौसम में तीनों ही नलियां ब्लॉकेज होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। इससे पहले एक और दो नलियों ब्लॉकेज वाले मरीज सामने आते रहे हैं। लेकिन, इस बार एक साथ तीन ब्लॉकेज वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। निजी अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। ऐसे में तीन-तीन स्टैंड एक साथ डाले जा रहे हैं।