Sat. Jan 18th, 2025

भारतीय टीम पर बीसीसीआई की सख्ती, परिजनों की यात्रा पर भी लगा अंकुश

भारतीय टीम के लगातार गिरते प्रदर्शन पर मंथन करने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को 10 सूत्री नीति पेश की। इसका मकसद भारतीय टीम का प्रदर्शन सुधारना है। अब सभी क्रिकेटरों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विदेश या दूसरे शहरों का दौरा करने पर परिवारों और निजी कर्मचारियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। बोर्ड ने यह कदम टीम में अनुशासन और एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया है।

भारतीय टीम को हाल ही में समाप्त हुई ऑस्ट्रेलिया सीरीज में 1-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ भी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में शिकस्त मिली थी। इसके बाद बीसीसीआई ने गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था। अब बोर्ड ने नए नियम लागू करने का फैसला लिया है। बताया गया है कि इन नियमों का पालन नहीं करने पर खिलाड़ियों को बीसीसीआई की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन पर जुर्माना लगाया जाएगा, जिसमें केंद्रीय अनुबंधों से उनकी रिटेनर फीस में कटौती और आईपीएल में भाग लेने पर प्रतिबंध शामिल है।

गुरुवार को सामने आई रिपोर्ट में बताया गया था कि गौतम गंभीर ने बीसीसीआई से इस बात की शिकायत की थी कि 1.5 महीने के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खिलाड़ियों ने सिर्फ एक बार साथ बैठकर डिनर किया था। इसके अलावा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कई खिलाड़ियों की पत्नी और उनके निजी मैनेजरों को दर्शक दीर्घा में बैठे देखा गया था। अब बीसीसीआई ने इस पर लगाम लगाने का फैसला करते हुए दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों को उनके साथ रहने के लिए केवल दो सप्ताह की अनुमति दी है। इसके अलावा निजी स्टाफ और व्यावसायिक शूटिंग पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि खिलाड़ियों को दौरे के दौरान अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। इसमें यह भी बताया गया है कि दौरे या मैच के जल्दी समाप्त होने की स्थिति में खिलाड़ियों को जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा। बोर्ड की नीति में कहा गया है, ‘इसमें किसी भी अपवाद या विचलन को चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसका पालन नहीं करने पर बीसीसीआई द्वारा उचित समझी जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।’ नीति में आगे कहा गया है, ‘इसके अलावा बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है जिसमें संबंधित खिलाड़ी को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोकना और बीसीसीआई के खिलाड़ी अनुबंध के अंतर्गत रिटेनर राशि या मैच फीस से कटौती करना शामिल हो सकता है।’

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