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मध्यप्रदेश में नहीं हटाएं जाएंगे अस्थाई कर्मचारी, इनको रेगुलर करने के आदेश जारी!

मध्यप्रदेश के लाखों अस्थाई कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों के काम करते रहने को लेकर आदेश जारी किया हैं। वहीं नियमितीकरण को लेकर भी जानकारी दी हैं। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक अस्थाई कर्मचारियों के पदों को बनाएं रखने का आदेश जारी किया है। इसका मतलब अब 31 मार्च 2026 तक कर्मचारी काम करते रहेंगे।

लाखों कर्मचारी हैं मध्यप्रदेश में (MP Employees News)

बता दें कि विभिन्न विभागों में पदों पर भर्ती नहीं हुई हैं। इन विभागों में अस्थाई कर्मचारियों को मदद ली जा रही हैं। इस समय प्रदेश में लाखों कर्मचारी अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं। इनमें आउटसोर्स, संविदा, अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, कॉलेज में कार्यरत और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शामिल हैं। ये कर्मचारी वर्षो से नौकरी कर रहे हैं और नियमित किए जाने की मांग भी कर रहे हैं।

ये आदेश हुआ हैं जारी

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया हैं कि राज्य शासन के अधीन अस्थाई पदों की निरंतरता के संबंध में समय-समय पर आदेश जारी किए गए हैं। सरकार ने विचार के बाद निर्णय लिया हैं कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक अस्थाई पदों पर कार्यरत कर्मचारी काम करते रहेंगे।

इस तरह नियमित होंगे कर्मचारी

मध्य प्रदेश शासन के वाणिज्य कर विभाग ने नियम जारी किए है और नियमों के मुताबिक अस्थाई कर्मचारियों को 300 नंबर का पेपर देना होगा। 3 घंटे तक होने वाले इस पेपर में कर्मचारियों को कम से कम 150 अंक लाना होगा, क्योंकि नियमितीकरण में वरिष्ठता को आधार नहीं बनाए जाने वाला है। 150 नंबर लाने वाले कर्मचारी को ही नियमित किया जाएगा। एसटी-एससी वर्ग के कर्मचारियों को 10% की छूट दी जाएगी। उनके लिए पासिंग मार्क्स 50 की जगह 40 फ़ीसदी रहेंगे। इसके अलावा सीधी भर्ती में संविदा कर्मचारियों के लिए 20% पद आरक्षित होंगे।

बता दे कि बीते विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा इसमें बताया था कि नियमित नियुक्तियों में लगभग 50 फ़ीसदी आरक्षण संविदा कर्मचारियों को मिलेगा इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश भी जारी किए थे।

अवधि से अधिक काम कोई आधार नहीं: हाई कोर्ट
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि अनुबंध विस्तार के आधार पर स्थाई रोजगार की मांग नहीं की जा सकती। एक संविदा कर्मचारी सिर्फ इसीलिए नियमितीकरण का दावा नहीं कर सकता कि उसने अपनी रोजगार अवधि से अधिक काम किया है। उसे स्थाई कर्मचारी बनने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।

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