दो युवतियों के बीच हो गई मोहब्बत, 15 लाख रुपए खर्च कर सविता बन गई ललित, सात फेरे लेकर रहने लगे पति-पत्नी की तरह
जयपुर राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक युवती को अपनी सहेली के साथ मोहब्बत हो गई। दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गई दोनों को पता ही नहीं चला और शादी करने का फैसला कर लिया। लेकिन बीच में आड़े आ गया दोनों का जेंडर। लेकिन कहते हैं न कि चाह है तो राह है। शादी करने के लिए दोनों ने तय किया है कि एक युवती सेक्स चेंज करवाएगी। वहीं, एक युवती ने 15 लाख रुपए खर्च करके अपना जेंडर चेंज करवा लिया और दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। तो चलिए विस्तार से जानते हैं दो युवतियों के बीच की प्रेम गाथा।
दरअसल साल 2017 में सावनेर की रहने वाली सविता अपनी बहन के साथ पढ़ाई करने के लिए जयपुर आई हुई थी। यहां आकर सविता कोचिंग में पढ़ाई करने लगी, लेकिन इसी दौरान उसकी दोस्ती पास ही में रहने वाली प्रिति से हो गई। दोनों की बीच इतनी गहरी दोस्ती थी कि हर बात एक दूसरे के साथ शेयर करते थे। दोनों को इस बात का पता ही नहीं चला कि कब दोस्ती प्यार में बदल गई। लेकिन प्यार में असली मुसीबत तब आई जब कोरोना काल में प्रिति और सविता अलग-अलग हो गए। हालांकि दोनों के बीच अक्सर फोन पर बात होती थी।
क्या जेंडर चेंज करवाने के बाद शादी करना कानूनी रूप से मान्य है?
हां, जेंडर चेंज करवाने के बाद भारतीय कानून के तहत शादी करना कानूनी है, बशर्ते दोनों पक्ष बालिग हों और उनकी सहमति हो।
जेंडर चेंज करवाने में कितना खर्च आता है और यह प्रक्रिया कितनी लंबी होती है?
जेंडर चेंज प्रक्रिया में ₹10-15 लाख तक का खर्च आ सकता है, और यह प्रक्रिया आमतौर पर 6 महीने से 1 साल तक का समय लेती है, जिसमें कई चरणों में सर्जरी होती है।
क्या आर्य समाज मंदिर में शादी करना कानूनी रूप से वैध है?
हां, आर्य समाज मंदिर में शादी करना पूरी तरह वैध है, बशर्ते दोनों पक्ष बालिग हों और उनके पास आवश्यक दस्तावेज हों।
जेंडर चेंज के बाद दस्तावेज अपडेट करवाना संभव है?
हां, जेंडर चेंज के बाद आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों को नई पहचान के साथ अपडेट करवाया जा सकता है।
क्या जेंडर चेंज के बाद शादी के लिए समाज से कोई विशेष अनुमति लेनी पड़ती है?
नहीं, जेंडर चेंज के बाद शादी के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है। दोनों व्यक्तियों की सहमति और बालिग होने का प्रमाण पर्याप्त है।