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चार भाइयों की एक साथ उठी आर्थियां, गांव में पसरा मातम

नीमच जिले के गांव खड़ावदा में उस समय गांव के लोगों की आंखें नम हो गईं, जब एक ही घर से चार सगे भाइयों की आर्थियां उठी। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है तो वहीं गांव के लोग भी इस घटना के बाद गमजदा हैं। लोगों की जुबान पर एक ही बात थी कि इस परिवार का ऐसा क्या कसूर था, जिसकी इतनी बड़ी सजा इनको मिली। चारों जवान बेटों की मौत हो गई।

नीमच के खड़ावदा में बुधवार को उस समय ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं, जब परिजनों की चीख पुकार के बीच दीवान बंजारा उम्र 28 वर्ष, निर्मल बंजारा उम्र 19 वर्ष, विजय बंजारा उम्र 19 वर्ष तथा विक्रम बंजारा उम्र 18 वर्ष चारों सगे भाइयों की आर्थियां एक साथ उठी। शव यात्रा गांव के जिस भी रास्ते से गुजरी, वहां मौजूद हर महिला-पुरुष अपने आंसू नहीं रोक पाए। लोगों की जुबान पर एक ही बात थी कि भगवान ऐसा दिन किसी को भी नहीं दिखाई।

एक परिवार पर आए इस घनघोर संकट के समय सहारा देने के लिए आसपास के गांवों के लोग भी उमड़ पड़े। गांव के श्मशान घाट पर चारों सगे भाइयों का एक साथ दाह संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार के लोगों को ग्रामीण सहारा देते रहे। वहीं, इस हादसे को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी शोक संवेदना प्रकट की।

गौरतलब है कि नीमच के मनासा थाना क्षेत्र से खड़ावदा गांव के रहने वाले चार सगे भाई कर्नाटक से कंबल बेचकर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान ट्राले  में भरे भारी भरकम सामान के नीचे दबने से सोमवार रात चारों की मौत हो गई थी। सभी भाई तीन माह पहले कर्नाटक के जिलों में कंबल बेचने गए थे और तीन माह बाद सीजन खत्म होने पर वापस अपने घर लौट रहे थे। तभी महाराष्ट्र के संभाजी नगर जिले के पास ट्राले में लदे लोहे के भारी समान के नीचे दबाने से चारों की मौत हो गई।

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