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नायब तहसीलदारों का तहसीलदार बनने का रास्ता साफ़.. अदालत के आदेश से मिली अफसरों को राहत

 लखनऊ  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को पिछले एक साल से पदोन्नति पर लगी रोक को हटाते हुए 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की प्रदेश में तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया। पीठ ने इस संबंध में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए राज्य सरकार को 2016 बैच के याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विचार करने का आदेश दिया है।

1. क्या इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की पदोन्नति पर लगी रोक हटा दी है?

हाँ, उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पदोन्नति पर लगी रोक हटाते हुए 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की तहसीलदार पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया है।

2. पदोन्नति में देरी का कारण क्या था?

राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने में देरी के कारण 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की वरिष्ठता कम हो गई थी, जिससे उनका नाम पदोन्नति सूची में नहीं आया।

3. क्या राज्य सरकार सभी पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति करने के लिए तैयार है?

हाँ, सरकार ने अदालत को बताया कि वह सभी पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति पर विचार करने के लिए तैयार है क्योंकि प्रदेश में तहसीलदारों की भारी कमी है।

4. क्या तहसीलदार के पद पर पदोन्नति की शर्तों में बदलाव किया जाएगा?

राजस्व परिषद ने 17 अक्टूबर 2024 को शासन को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें पदोन्नति की शर्तों को शिथिल करने की सिफारिश की गई है।

5. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को क्या आदेश दिया है?

अदालत ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विचार करने और राजस्व परिषद के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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