207 प्राइवेट स्कूल होंगे बंद, 31 हजार बच्चों का भविष्य अधर में
इंदौर पहली से आठवीं तक के निजी स्कूलों की मान्यता आवेदन करने की तारीख निकल चुकी है। इसमें जिले से 1477 स्कूलों ने ही मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, जबकि जिले में 1684 स्कूलों का संचालन हो रहा है। इस तरह नए शिक्षा सत्र में 207 स्कूल बंद हो जाएंगे, जिसके कारण यहां पढ़ने वाले 31 हजार से अधिक बच्चों को नए शिक्षा सत्र में नया स्कूल खोजना होगा। इसके पीछे मुख्य कारण राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा मान्यता में नया नियम रजिस्टर्ड किरायानामा की शर्त को बताया जा रहा है।राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली से आठवीं तक के निजी स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण आवेदन के लिए 23 दिसबंर से 23 जनवरी की तिथि घोषित की गई थी। इसके बाद आवेदन की तारीख सात फरवरी और विलंब शुल्क के साथ 14 फरवरी तय की थी।
इस दौरान कुल मान्यता प्राप्त 1684 स्कूलों में से 1477 के ही आवेदन आए हैं। वर्तमान में विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) स्तर पर स्कूलों का निरीक्षण कर आवेदन जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय भेजे जा रहे हैं, लेकिन इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है।
1477 आवेदन में 1172 बीआरसी स्तर पर ही लंबित है। इनमें से कई आवेदन 15 से 20 दिन पुराने हो चुके हैं, जबकि बीआरसी को 15 दिन में प्रकरण आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही डीपीसी स्तर पर भी 208 प्रकरण लंबित हैं। अब तक 217 प्रकरण ही स्वीकृत हुए हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र ने इस बार मान्यता नवीनीकरण में नई शर्त रखी है। इसके अनुसार आवेदन के साथ स्कूल संचालक को जिस भवन में स्कूल संचालित हो रहा है, वहां का रजिस्टर्ड किरायानामा प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है।
इंदौर जिले में ऐसे कई स्कूल हैं, जो अवैध कॉलोनी, कृषि भूमि आदि जगह संचालित हो रहे हैं। इसी कारण 207 स्कूल संचालकों ने नवीनीकरण का आवेदन नहीं भरा है। हालांकि इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जहां छात्र संख्या कम होने के चलते पहले से ही बंद होने के कगार पर हैं।
गत माह मान्यता में रजिस्टर्ड किरायानामा की शर्त हटाने को लेकर मप्र बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने विरोध कर इस शर्त को निरस्त करने की मांग की थी। कहा था कि पहले की तरह नोटरी किरायानामा लागू किया जाए। मान्यता के लिए 40 हजार रुपये की सुरक्षा निधि लेने पर रोक लगे। इसके बाद एसोसिएशन हाई कोर्ट भी गया था।