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अटल जी की सरलता, विनम्रता और उनके जीवन मूल्य हमें आज भी जीना सिखाते हैं: डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत ही हमारे जीवन और प्रशासन में अनुशासित होकर काम करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने सोमवार को मुरैना में अटल जी की प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए कल अटल जी के बारे में विस्तार से चर्चा कर रहे थे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा के अनावरण के साथ ही मुरैना में नया इतिहास लिखा गया है। स्व. वाजपेयी राजनीति के मर्मज्ञ थे। वे सदैव सच्चाई के लिए जिये। वे पूरे भारत को अपना परिवार मानने वाले विराट हृदय व्यक्तित्व थे। स्व. वाजपेयी लोकतांत्रिक परम्पराओं का पालन करने वाले कालजयी महापुरूष थे। उनकी सहजता, सरलता, विन्रमता और उनके जीवन मूल्य हमें आज भी जीना सिखाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह को नहीं देखा, पर अटल जी को करीब से देखा है। उन्हें शत-शत नमन है। देश को लोकतंत्र का एक नायक अटल जी के रूप में मिला। स्व. वाजपेयी के योगदान को हमारा देश कभी नहीं भूल पाएगा। पावर्ती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) और केन-बेतवा (केबी) नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना उन्हीं की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उनकी सोच को हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्रियान्वित किया है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में हमने 70 हजार करोड़ रूपए की नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश में जल संग्रहण का एक नया अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने स्थानीय जन- प्रतिनिधियों की मांग पर मुरैना नगर निगम की सीमा क्षेत्र से लगी 13 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में जरूरी विकास कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपए और मुरैना शहर में इलेक्ट्रिसिटी पोल शिफ्टिंग कार्य के लिए 10 करोड़ रूपए विकास राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुरैना शहर में बोट क्लब के साथ जहाँ जरूरी हैं, वहाँ सड़कें भी बनाई जाएंगी।

श्री कराह धाम आश्रम की हजारों गौ-माताओं से समुचे ब्रहमांड की होती है अनुभूति 
वहीं पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक अन्य कार्यक्रम में मुरैना के श्री कराह धाम आश्रम पहुँचकर अनन्त श्री गुरुदेव पटिया वाले बाबा के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने श्री कारह धाम आश्रम की गौशाला में गौ-माता का पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है। आश्रम की गौ-शाला में 7500 से अधिक गौ-माताएं है। आश्रम में आकर अनुभूति हो रही है कि यहां पूरा ब्रहमांड समाया हुआ है।

उल्लेखनीय है कि कल मुरैना में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीव पर्यटन का एक वैश्विक केंद्र बनकर उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मुरैना क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने के लिए सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने भविष्य में माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिलाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम मध्यप्रदेश के वनों में सभी प्रकार के वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सक्षम हैं और इस दिशा में हमारे प्रयास जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना स्थित देवरी घडिय़ाल केंद्र से चंबल नदी में 10 घडिय़ालों (9 मादा और 1 नर) को उनके प्राकृतिक आवास में छोडऩे के पश्चात मीडिया से चर्चा में यह महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चम्बल अभ्यारण्य हमारे देश की प्राकृतिक संपदा है। यहां दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। बदलते हुये जलवायु के दुष्परिणामों के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है। मध्यप्रदेश हमेशा से जैव विविधता के लिये महत्वपूर्ण प्रजातियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये तत्पर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना जिले में स्थित राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का भ्रमण किया तथा अभयारण्य की व्यवस्थाओं एवं यहां पर्यटकों के लिए उपलबध सुविधाओं का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घडिय़ालों को नजदीक से देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंबल सफारी का भ्रमण किया गया एवं घडिय़ाल संरक्षण के बारे में वन विभाग से जानकारी ली। इस समाचार विश्लेषण का लब्बोलुआब यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुरैना में अपने नेतृत्व की क्षमता का खुलकर प्रदर्शन किया है, ऐसा माना जाये, तो चौंकिएगा मत।

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