उत्तराखंड में 188 हेक्टेयर वनों पर चला दी गई जेसीबी, CAG Report से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
उत्तराखंड में बेशक 72 प्रतिशत से अधिक भूभाग का स्वरूप वन है। इसके चलते विकास की गुंजाइश कम रहती है और वनों पर दबाव उतना ही अधिक बढ़ जाता है। फिर भी विकास बनाम विनाश के बीच सामंजस्य को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
विधानसभा पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट पर गौर करें तो वन भूमि हस्तांतरण से लेकर क्षतिपूरक वनीकरण के कार्यों में बड़े स्तर पर अनदेखी देखने को मिली है।
2014 से 2022 तक वन भूमि से जुड़े विकास कार्यों का किया परीक्षण
कैग ने प्रतिकारक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) के तहत वर्ष 2014 से 2022 तक वन भूमि से जुड़े विकास कार्यों का परीक्षण किया। रिपोर्ट में 52 ऐसे प्रकरणों का जिक्र किया गया है, जिसमें मानकों को पूरा किए ही निर्माण कार्य शुरू करा दिए गए। इन मामलों में सिर्फ वन भूमि हस्तांतरण की सिर्फ सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी।