मोदी के स्वागत में मोहन यादव ने सजाया शहर, लोगों ने कहा कलयुग के राम आएं हैं, GIS निवेश की नई क्रांति का शंखनाद
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस बात के लिए गद्गद हो जाना चाहिए कि, पिछले शिवराज सरकार के ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में जितनी असफलताएं मिलीं और जिसे फिजूल खर्ची वाला नौटंकी रिकार्ड कहा गया अब वह ईमानदार कोशिशों से परिणाम के नजदीक पहुंचने जा रहा है। यूं कहा जाए कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भोपाल में होने वाला ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट धरातल पर उतरने जा रहा है जिसमें 5 लाख करोड़ के पंूजीनिवेश और लाखों बेरोजगारों को औद्योगिक क्रांति का लाभ होगा। मतलब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं को साकार करने की दिशा में अब मोहन यादव संपूर्ण रूप से मप्र को वाइब्रेंट बनाने के लिए तैयार हो गए हैं, ऐसा मान लेने में अतिश्योक्ति नहीं है क्योंकि इस भव्य आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं से अवगत कराते हुए, मध्यप्रदेश को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। प्रधानमंत्री मोदी आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में जीआईएस का शुभारंभ करेंगे। इस वैश्विक आयोजन में 60 देशों के 133 विदेशी प्रतिभागियों की उपस्थिति निवेश और औद्योगिक साझेदारी को नए आयाम देने वाली होगी। इस समिट का उद्देश्य निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं से अवगत कराते हुए, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश को एक फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, पेरू, अंगोला, बुर्किना फासो, मोरक्को, मोल्दोवा, नेपाल, जिम्बाब्वे के राजदूत शमिल होंगे। ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फिजी, जमैका, लेसोथो, रवांडा, सेशेल्स, युगांडा के उच्चायुक्त शामिल होंगे। और तो और जापान, जर्मनी, मलेशिया, स्विट्जरलैंड, इटली, थाईलैंड, ताइवान के कौंसल जनरल भी शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, नीदरलैंड, पोलैंड, ताइवान, दक्षिण अफ्रीका, कोस्ट्रा रिका, पनामा, मैक्सिको, टोगो, सुनोवेनिया के चार्ज-दे-अफेयर्स / मिनिस्टर कमर्शियल्स/अन्य वरिष्ठ राजनयिक शामिल होने आ रहे हैं। 6 मेंबर ऑफ़ मिनिस्टर / एमपी/महापौर जिंबॉब्वे के उप मंत्री, उल्पानोवस्क क्षेत्र, रूस की सरकार का प्रतिनिधिमंडल, मेयर और गेराईस क्रॉस टाउन काउंसिल के अध्यक्ष, हाउस ऑफ लाड्र्स, यूके के सदस्य, ओटावा मेयर, नॉर्वे के पूर्व मंत्री भी शामिल हो रहे हैं। बुल्गारिया, जिबूती, अल्बानिया, तुवालु, हैती, म्हांमार, पलाऊ, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, रोमानिया, उजबेकिस्तान के ओनोरेरी कौंसल तथा विश्व बैंक, ङ्ख्रढ्ढक्क्र, जेट्रो, ञ्ज्रढ्ढ ञ्ज्रक्र्र, इंडो जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स, भारत आयरलैंड परिषद, सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, कोरिया इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडो पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में 66 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से भागीदारी रहेगी। मप्र के मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा उनकी टीम की मेहनत का परिणाम है कि जीआईएस में 6 विभागीय सम्मेलन, 6 कंट्री सेशन, 10 सत्र होंगे जिसमें आईटी और प्रौद्योगिकी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन विभाग, खनन, एमएसएमई और स्टार्टअप, नगरीय विकास, प्रवासी मध्यप्रदेश शामिल है तथा कंट्री सेशन में वैश्विक दक्षिण सत्र, जर्मनी, जापान, कनाडा, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका सबकी उपस्थिति की झलक भी दिखेगी। और तो और जीआईएस के सत्रों में फार्मा और मेडिकल डिवाइस, कौशल विकास, वस्त्र और परिधान, खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी, लॉजिस्टिक्स, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, वन, एमएसएमई, सहकारिता से जुड़े विशेष आमंत्रित प्रतिनिधियों की उपस्थिति पूंजी निवेश के इस नई क्रांति का शंखनाद होगा। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि, जीआईएस में सबकुछ ठीक होते हुए भी देर रात 2 बजे तक गेस्ट ऑफ ऑनर और विश्ेाष आमंत्रित पूंजीनिवेशकों को प्रवेश पास के लिए एमपीडीआईसी के दफ्तर में भटकते हुए देखा गया, इससे यह प्रमाणित होता है कि, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संकल्प तथा प्रधानमंत्री मोदी के विजन को पूरा करने के लिए मप्र में औद्योगिक नीति के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, प्रबंध संचालक चंद्रमौली शुक्ला तथा उद्योग आयुक्त दिलीप कुमार ने जीआईएस की सफलता के शिखर को छूने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है, ऐसा माना जाए तो चौंकिएगा मत।