अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी बनेंगे प्रधानमंत्री आवास, बाखली शैली से बनाया घर तो मिलेगा अनुदान
प्रदेश में वर्ष 2017 में आवास नीति पहली बार लागू की गई थी। इसमें मैदानी जिलों में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण और जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों की ओर से आवास विकास परिषद की पीएम आवास योजनाएं बनाई गईं, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि आवास नीति 2025 में मैदानी क्षेत्रों में लाभार्थी अनुदान राज्य सरकार का 1.50 लाख से बढ़ाकर दो लाख किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली के अन्तर्गत बनाए जाने वाले आवासों के लिए अनुदान राशि तीन लाख रुपये की गई है।
बाखली शैली से बनाया घर तो मिलेगा अनुदान
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि आवास विभाग पारंपरिक भवन निर्माण शैली बाखली को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष छूट दे रहा है। इस तरह के निर्माण पर्वतीय क्षेत्रों में मार्गों की कठिनाई को देखते हुए न्यूनतम दो मीटर के पहुंच मार्ग पर भी बनाए जा सकेंगे। वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में तीन लाख का अनुदान प्रति लाभार्थी दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि दुर्बल आय वर्ग पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए आवास विभाग ने आय सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है। अनुदान की राशि को भी सामान्य निर्माणों के लिए दो लाख किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 2.25 लाख का अनुदान दिया जाएगा।