जीएसटी टीम ने पांच निर्माण कंपनियों के ठिकानों पर मारा छापा, छह करोड़ की चोरी पकड़ी
राज्य कर विभाग की केंद्रीय अन्वेषण इकाई (सीआईयू) की टीम ने जीएसटी चोरी के मामले में पांच निर्माण कंपनियों पर छापा मारा। इस कार्रवाई में विभाग ने छह करोड़ की जीएसटी चोरी का खुलासा किया। इसमें 3.67 करोड़ की राशि कंपनियों ने मौके पर जमा करा दी। इन फर्मों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के लिए फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार को राजस्व की चपत लगाई थी
राज्य कर आयुक्त अहमद इकबाल के दिशा-निर्देश पर सीआईयू की 13 टीमों ने देहरादून, हरिद्वार, चमोली व उत्तरकाशी जिले में पांच निर्माण कंपनियों के ठिकानों पर छापा मार कर कार्रवाई की। सीआईयू की ओर से पिछले दो महीनों से इन कंपनियों की खरीद की निगरानी की जा रही थी। जांच में पाया गया कि इन्होंने फर्जी सप्लायर फर्मे बनाईं। जो अस्तित्व में नहीं थीं या उनका जीएसटी पंजीयन निरस्त किया जा चुका था। कुछ कंपनियां ऐसे माल की ट्रेडिंग कर रही थीं, उसके लिए पंजीकृत नहीं थे।
दस्तोवजों की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनियां राज्य परमिट के वाहनों से अंतरराज्यीय ट्रांसपोर्ट कर रही थीं और पंजाब व हरियाणा से माल की सप्लाई दिखाई गई। ई-वे बिल पोर्टल पर एक ही दिन में उन वाहनों पर कई ई-वे बिल बनाए गए। माल वाहक वाहन एक हजार किलोमीटर की दूरी 15 से 17 घंटे में पूरी कर रहे थे।
प्रारंभिक जांच में छह करोड़ जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। इसमें 3.67 करोड़ की राशि कंपनियों ने जमा करा दी है। इसके अलावा 2.41 करोड़ के आईटीसी क्लेम वापस किए। कंपनियों के दस्तावेज जांच के लिए जब्त किए गए। कार्रवाई में उपायुक्त विनय पांडे, अर्जुन राणा, सुरेश कुमार, नेहा मिश्रा, सहायक आयुक्त टीका राम, नितिका, मनमोहन असवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।