भोपाल में भिखारी से रुपए समेटकर ले गई लड़की रैकेट चलाने वाले गाड़ी से छोड़ने और लेने भी आते हैं
भोपाल में भीख लेना और देना दोनों ही जुर्म है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस पर रोक लगाई है। बावजूद शहर में भीख मंगवाने के रैकेट चल रहे हैं। ऐसे ही एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।
भिक्षावृत्ति रोकने के लिए कलेक्टर ने जो टीम बनाई है, उसी ने पुलिस को वीडियो भी सौंपे हैं। इनमें एक 60 साल की बुजुर्ग महिला भीख मांगती दिखाई दे रही है। कुछ देर बाद ही जींस-कुर्ता पहने आई लड़की महिला से रुपए ले गई। एक अन्य बुजुर्ग महिला को सुबह गाड़ी से छोड़ा गया और शाम को उसी में बैठाकर वापस ले गए। मामला शुक्रवार का है।
जानिए वीडियो में क्या रिकॉर्ड हुआ…
=पहला वीडियो – 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला दाता कॉलोनी मजार और पेट्रोल पंप के पास सड़क किनारे बैठकर भीख मांग रही थी। एक्टिवा पर बैठकर आए युवक ने बुजुर्ग को रुपए दिए। युवक के जाते ही एक लड़की आई और बुजुर्ग महिला से भीख में इकट्ठा किए रुपए लेकर चली गई।
दोनों ही मामलों में गांधीनगर निवासी भगतराम प्रजापति ने कोहेफिजा थाने में लिखित में शिकायत की है। पुलिस के अनुसार, एक्टिवा और बाइक नंबरों के आधार पर कार्रवाई होगी। भीख लेने वाले, भीख मंगवाने वाले और भीख देने वाले तीनों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा
भीख न मिलने पर भिखारी ने की थी बदसलूकी
बोर्ड ऑफिस ट्रैफिक सिग्नल पर 25 जनवरी को एक युवक ने राहगीर योगेंद्र भलावी से भीख मांगी। योगेंद्र ने कहा कि इतने हट्टे-कट्टे होने पर भीख मांगते हो। इस पर भिखारी ने उनसे बदसलूकी की। इसके बाद योगेंद्र थाने पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस ने भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम के तहत आरोपी भिखारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पूछताछ में भिखारी ने पुलिस को बताया था कि वह कई सालों से भोपाल में भीख मांग रहा है और समय-समय पर इलाका बदलता रहता है। पुलिस अब उसका रिकॉर्ड खंगालने में लगी है। उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया है। कलेक्टर के आदेश के बाद भी कुछ मामलों में केस दर्ज किए जा चुके हैं।
भोपाल में आदेश लागू, न भीख ले सकते, न दे सकते
3 फरवरी को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए थे। आदेश के मुताबिक, भीख में कुछ भी देना या उनसे किसी भी तरह का सामान खरीदना आदेश का उल्लंघन करना होगा। भीख देने और लेने वाले कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए जारी करना पड़े थे आदेश
कलेक्टर सिंह ने आदेश में कहा था कि भोपाल जिले में भिक्षावृत्ति में अन्य राज्य और शहरों के लोग भी शामिल रहते हैं। इन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड होता है। ये नशे के भी आदि होते हैं। भीख मांगने की आड़ में वे आपराधिक गतिविधि कर देते हैं।
वहीं, ट्रैफिक सिग्नल पर दुर्घटना होने की आशंका भी बनी रहती है। भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है। सरकार ने भी इसे रोकने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए हैं।
भिक्षुओं के लिए बनाया रैन बसेरा
कलेक्टर ने आदेश जारी करने के साथ ही एक रैन बसेरा भी भिक्षुओं के लिए आरक्षित किया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार में रैन बसेरे में भिखारियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। हालांकि, यहां पहुंचे भिखारी एक-दो दिन रुकने के बाद गायब हो गए थे।