यमुना को लेकर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, पानी 6400 गुना ज्यादा दूषित, कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को घेरा
‘यमुना में जहरीला पानी, पीने लायक नहीं’
उन्होंने बताया कि यमुना में गिरने वाले अव्यवस्थित सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण इसका जल विषाक्त हो गया है. मानव अपशिष्ट और जैविक ऑक्सीजन की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे यमुना में जलजीवों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है.
रिपोर्ट में ये बात आई सामने
दिसंबर 2024 में फेकल केलीफार्म का स्तर 8.4 मिलियन यूनिट प्रति 100 एमएल था, जो फरवरी 2025 में बढ़कर 16 मिलियन यूनिट प्रति 100 एमएल तक पहुँच गया.
बीओडी का स्तर, जो अधिकतम 3 एमजी प्रति लीटर होना चाहिए, पल्ला में 6 एमजी प्रति लीटर और असगरपुर में 72 एमजी प्रति लीटर दर्ज किया गया, जो निर्धारित मानकों से 24 गुना अधिक है.
‘BJP सरकार को तुरंत उठाने होंगे कदम’
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली के नागरिक बीजेपी सरकार से स्वच्छ जल की अपेक्षा कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि भीषण गर्मी के आगमन से पहले यमुना की सफाई और जल संशोधन की प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि दिल्लीवासियों को जल संकट से बचाया जा सके.
उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की तरह बीजेपी सरकार भी केवल बयानबाजी कर रही है. कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनता को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ेगा.