Sun. Apr 27th, 2025

राज्य के इन कर्मचारियों को तोहफा, इस भत्ते में वृद्धि, अनुग्रह अनुदान राशि पर भी अपडेट, आदेश जारी, मई में खाते में बढ़कर आएगी राशि

मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ते (House Rent Allowance ) में 10 फीसदी की वृद्धि के बाद अब एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के कार्मिकों के पुनरीक्ष‍ित गृह भाड़ा भत्ता का आदेश आज जारी कर दिया।गृह भाड़ा भत्ता की स्वीकृति के संबंध में अन्य शर्तें पूर्वानुसार रहेंगी।  गृह भाड़ा संबंधी दिशा निर्देश 1 अप्रैल 2025 से प्रभावशील होंगे।

पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने राज्य शासन के शासकीय सेवकों को देय गृह भाड़ा भत्ता के पुनरीक्षण संबंधी आदेश को यथावश्यक संशोधनों सहित ‘शासकीय सेवक’के स्थान पर ‘कंपनी कार्मिक’प्रतिस्थापित करते हुए ग्राह्य किया है।

इस तरह मिलेगा पुनरीक्ष‍ित गृह भाड़ा भत्ते का लाभ

  • 7 लाख अथवा इससे अधिक जनसंख्या के नगरों में निवासरत कंपनी कार्मिक को वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार देय मूल वेतन का 10 प्रतिशत देय होगा।
  • 3 लाख से अधिक पर 7 लाख से कम जनसंख्या के नगरों में निवासरत कंपनी कार्मिक को वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार देय मूल वेतन का 7 प्रतिशत देय होगा।
  • 3 लाख से कम जनसंख्या के नगरों में निवासरत कंपनी कार्मिक को वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार देया मूल वेतन का 5 प्रतिशत देय होगा।

इन कार्मिकों को नहीं मिलेगा गृह भाड़ा भत्ते का लाभ

  • जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिन कार्मिकों को कंपनी आवास गृह आवंटित किया गया है अथवा जो किराया रहित कंपनी आवासगृहों में निवासरत हों अथवा जिन्हें किराया रहित आवास गृह के बदले और कोई भत्ता दिया जा रहा हो, उन्हें देय गृह भाड़ा भत्ता की पात्रता नहीं होगी।
  • संविदा, तदर्थ, स्थायीकर्मी व दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्त कार्मिकों को देय गृह भाड़ा भत्ता की पात्रता नहीं होगी।

बिजली कार्मिक की मृत्यु पर आश्रित परिवार को सवा लाख अनुग्रह राशि

  • एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने कंपनी की सेवा में रहते हुए कार्मिक की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को दी जाने वाली अनुग्रह अनुदान राशि का पुनरीक्षण करते हुए अधिकतम 1,25,000 रूपए करने का आदेश  जारी कर दिया गया है।
  • एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने किसी कंपनी कार्मिक की कंपनी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर उनके आश्रित परिवार को वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 में देय वेतन के छह गुना के बराबर, अधिकतम 1,25,000 अनुग्रह अनुदान राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया है।
  • आदेश 1 अप्रैल 2025 अथवा इसके बाद के प्रकरणों पर प्रभावशील होगा। अनुग्रह अनुदान भुगतान करने की अन्य शर्तें यथावत प्रभावशील रहेंगी।

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