कोटा में 18 साल की NEET एस्पिरेंट ने सुसाइड किया कमरे में नहीं लगा था एंटी-हैंगिंग डिवाइस; इस साल का 15वां सुसाइड
सोमवार को 18 साल की NEET एस्पिरेंट ने कोटा में सुसाइड कर लिया। छात्रा जम्मू-कश्मीर की रहने वाली थी और कोटा के प्रताप चौराहे स्थित पीजी में रहकर तैयारी कर रही थी। ये इस साल का कोटा में हुआ 15वां स्टूडेंट सुसाइड का मामला है।
रिश्तेदार को फोन कर कहा- सुसाइड कर रही हूं
महावीर नगर पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर रमेश काविया ने बताया, ‘सुसाइड करने से पहले रविवार को छात्रा जीशान ने अपने किसी रिश्तेदार से बात की थी और बताया था कि वो शायद सुसाइड कर सकती है।’
इसके बाद बुरहान नाम के उसके रिश्तेदार ने तुरंत पीजी में ही रहने वाली अन्य छात्रा ममता को फोन करके जीशान को देखने के लिए कहा था। इसके बाद ममता दौड़कर जीशान के कमरे की ओर भागी और पाया कि कमरा अंदर से बंद किया गया है।
इसके बाद ममता ने शोर मचाया और लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो देखा जीशान फांसी लगा चुकी है। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
एक महीने पहले ही कोटा लौटी थी छात्रा
पुलिस का कहना है कि छात्रा पहले कोटा में NEET की कोचिंग कर रही थी। इसके बाद वो घर चली गई थी। इस बार वो वापस लौटी लेकिन किसी कोचिंग में एडमिशन नहीं लिया था। छात्रा सेल्फ स्टडी करके ही तैयारी करना चाहती थी।
कमरे में नहीं था एंटी-हैंगिंग डिवाइस
पुलिस ने कहा कि छात्रा ने जिस पंखे से फांसी लगाई वहां एंटी-हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा था। एंटी हैंगिंग डिवाइस पंखे में लगाया जाने वाले एक स्प्रिंग जैसा डिवाइस होता है जो फांसी लगाने पर खुल जाता है।
इस तरह ये डिवाइस आत्महत्याओं को रोक सकता है। साल 2024 में इस डिवाइस की मदद से एक छात्र की जान बची थी।
स्टूडेंट्स सुसाइड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई राजस्थान सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने 23 मई को हुई सुनवाई में कोटा में हो रहे स्टूडेंट्स सुसाइड के मामलों को गंभीर बताया था और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई थी।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा, ‘कोटा में इस साल अब तक 14 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके हैं। आप एक राज्य के तौर पर इसे लेकर क्या कर रहे हैं? स्टूडेंट्स कोटा में ही क्यों आत्महत्या कर रहे हैं? एक राज्य के तौर पर क्या आपने इस पर कोई विचार नहीं किया?’
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी कोटा में छात्रा का शव मिलने और IIT खड़गपुर के छात्र के सुसाइड मामले की सुनवाई के दौरान की। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
2024 में 17 स्टूडेंट सुसाइड, 2023 में 26 हुए थे
बात पिछले सालों की करें, तो साल 2024 में कोटा में रहने वाले 17 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था। पिछले साल जनवरी के महीने में 2 और फरवरी के महीने में 3 सुसाइड हुए थे। वहीं साल 2023 में कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के कुल 26 मामले सामने आए थे।
बच्चों को फेलियर हैंडल करना सिखाते ही नहीं’
MP सुसाइड प्रिवेंशन टास्क फोर्स के मेंबर और साइकेट्रिस्ट डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने कोटा में हो रहे स्टूडेंट सुसाइड को लेकर कहा, ‘किसी भी आत्महत्या का कोई एक कारण नहीं होता। वही एग्जाम सभी बच्चे दे रहे होते हैं। ऐसे में सुसाइड के लिए मिले-जुले फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं। इसमें जेनेटिक्स कारण, सामाजिक कारण, पियर प्रेशर, माता-पिता के एक्सपेक्टेशन्स, शिक्षा तंत्र सब शामिल है।’
डॉ त्रिवेदी कहते हैं कि कहीं न कहीं हम बच्चों को ये सिखाने में नाकामयाब हो जाते हैं कि स्ट्रेस, रिजेक्शन या फेलियर से कैसे डील करना है। आज बच्चा ये मानने लगा है कि उसका एकेडमिक अचीवमेंट उसके एग्जिस्टेंस से भी बड़ा है। बच्चा तैयारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, जीवन छोड़ने के लिए तैयार है। सोसायटी ने प्रतियोगी परीक्षाओं को बहुत ज्यादा महिमामंडित कर दिया है जिसकी वजह से बच्चा ये महसूस करता है कि मैं पूर्ण तभी हो सकूंगा जब कोई एग्जाम क्रैक कर लूंगा।