विकास दुबे के खजांची जयकांत वाजपेई को हाईकोर्ट से मिली जमानत, 5 साल बाद जेल से रिहाई…
कानपुर के खौफनाक बिकरु कांड के एक आरोपी जयकांत बाजपेई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई. जयकांत पिछले 5 वर्षों से जेल में बंद है. वह कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची था. उसके सारे लेन देन और पैसे का हिसाब जयकांत वाजपेई की संभालता था.
याद दिला दें कि कानपुर के बिकरू गांव में जुलाई 2020 में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने हमला बोल दिया था. गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.
बिकरू कांड के 44 आरोपियों में 30 आरोपी पर गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था. 5 सितंबर 2023 को इन 30 आरोपियों पर गैंगस्टर के केस में सुनवाई हुई थी, जिसमें 23 लोगों को दोषी करार दिया गया था. वहीं, सात आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य न मिलने के कारण उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया था.
बता दें कि 23 आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उन्हें 10-10 जेल की सजा सुनाई गई. साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. बिकरू कांड को लेकर इन सबकी पेशी कानपुर देहात की गैंगस्टर कोर्ट में हुई थी, जहां सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई. फिलहाल, ये सभी दोषी कानपुर की माती जेल में बंद हैं.
दोषमुक्त किए लोगों में प्रशांत उर्फ डब्बू, अरविंद उर्फ गुड्डन, संजू उर्फ संजय दुबे, सुशील तिवारी, राजेंद्र मिश्रा, बालगोविंद और रमेश चंद्र शामिल थे. इन सभी को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया था. वहीं, अन्य 23 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था.
बिकरु सामूहिक हत्याकांड के बाद तत्कालीन चौबेपुर थानाध्यक्ष कृष्ण मोहन राय ने 23-10-2020 को बिकरू कांड के सिलसिले में 44 आरोपियों में से 30 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की FIR दर्ज की थी.
विकास दुबे का खूनी खेल
बात 2 जुलाई 2020 की है. रात को सीओ बिल्हौर ने पुलिस फोर्स के साथ विकास दुबे को अरेस्ट करने के लिए बिकरू में दबिश दी थी. इस दबिश की सूचना विकास दुबे को पहले ही मिल गई थी. पुलिस के गांव में एंट्री करते ही छतों पर मौजूद विकास दुबे और उसके शूटर्स ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की जान चल गई थी. इस दौरान पुलिस टीम के कुछ सदस्यों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई थी.
इस वारदात से पूरी योगी सरकार हिल गई थी. पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुछ दिनों में ही विकास दुबे गैंग के पांच सदस्यों को एनकाउंटर में मार गिराया था. 45 आरोपियों को जेल भेजा गया था. फिर 10 जुलाई को विकास दुबे भी मुठभेड़ में मारा गया था
इससे पहले उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था. पुलिस ने कहा था कि विकास दुबे ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी और पुलिस पर गोली चलाई थी. इस दौरान गाड़ी पलट गई थी. ऐसे में आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई थी, जिसमें विकास दुबे ढेर हो गया था.